जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। एचडीएफसी बैंक से करीब साढ़े 13 लाख रूपये के ऋण लेकर और ईएमआई जमा करने पर वसूली से बचने के लिए दिल्ली निवासी बैंक डिफाल्टर ने हरिपुर कलां में शरण ली। बैंक ने उसकी कार जब्त कराई तो अगली वसूली न हो, इसके लिए बैंक मैनेजर समेत अन्य लोगों पर फर्जी लूट का मुकदमा दर्ज करा दिया। हालांकि पुलिस बारीकि से जांच कर रही है।
मयूर विहार दिल्ली निवासी विशाल शर्मा ने एचडीएफसी बैंक से अपने नाम से एक कार और पर्सनल ऋण लिया हुआ है। एचडीएफसी बैंक का उस पर करीब साढ़े 13 लाख रुपये का ऋण शेष चला आ रहा है। बैंक की ओर से ऋण की किस्त जमा करने के लिए उसे नोटिस जारी करने शुरू किए तो वह ऋण जमा करने से बचने के लिए हरिद्वार के नजदीकि हरिपुर कलां में आकर रहने लगा। दिल्ली से भागकर आए इस विशाल शर्मा के पिछले बैंक की टीम लगी और जुलाई—2023 में ऋण पर खरीदी गई कार की ईएमआई जमा न होने पर उसे जब्त कर लिया।
शातिर दिमाग के विशाल ने देखा कि उसे एचडीएफसी बैंक की टीम ने ढूंढ निकाला है तो उसने बैंक पर दवाब बनाने के लिए कोर्ट के माध्यम से आदेश कराकर नगर कोतवाली में लूट का मुकदमा दर्ज करा दिया। हालांकि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
ऋण नंबर— 01
एचडीएफसी बैंक से 4 लाख 56 हजार 761 रुपये का ऋण जिसका एंग्रीमेंट नंबर 57099462 और केस नंबर एटी—एटी 23—192 है। दिनांक 24 जनवरी को विशाल शर्मा ने सेटलमेंट फॉर क्लोजर के लिए 3 लाख 34 हजार 813 रुपये मंजूर किए, लेकिन यह भी उसने वादा कर जमा नहीं कर सका। यह ऋण स्वीफट डिजायर कार नंबर एचआर 26 डीपी 9374 के लिए था।
ऋण नंबर — 02
एचडीएफसी से 8 लाख का रुपये का पर्सनल ऋण भी है, जिसकी भी ईएमआई जमा नहीं कर रहा है।
