जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का प्रयास है कि उत्तराखंड देवभूमि नशा मुक्त हो, इसके लिए पुलिस निरंतर प्रयास कर रही है। कार्रवाई के तहत उत्तराखंड में तस्करी का चौंकाने वाला मामला सामने आने से सभी हैरान है। तस्कर ने सड़क के बजाय हवाई यात्रा से नशीले पदार्थ बेचने शुरू कर दिए। लेकिन पुलिस की पैनी नजर से नहीं बच सका। तस्कर देहरादून से खरीदकर चमोली में बेचता था। पुलिस उससे पूरे नेटवर्क का पता लगा रही है।
पुलिस अधीक्षक रेखा यादव के मुताबिक,
चमोली जिले में हर थाने की पुलिस नशा तस्करी करने वालों की कुंडली खंगाल रही है। इसी कड़ी में पता चला कि एक युवक हेलीकॉप्टर के जरिए चमोली में नशा पहुंचा रहा है, जो स्मैक की खेप के साथ गौचर आने वाला है। इस पर पुलिस की एक टीम गौचर हेलीपैड पर तैनात कर दी गई। हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के बाद टीम ने उससे उतरे यात्रियों की तलाशी ली तो आलोक थपलियाल निवासी वार्ड नंबर सात, गौचर के पास 7.05 ग्राम स्मैक मिली। आरोपी को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ शुरू कर दी।
तस्कर देहरादून के एक शिक्षण संस्थान से एमसीए पास आउट है और कई सालों से से नशा तस्करी में संलिप्त है। देहरादून से स्मैक लाकर गौचर में रेलवे कंपनी सहित अन्य जगहों पर युवाओं को मुंह मांगे दाम पर उसकी बिक्री करता था। पहले वह देहरादून से चमोली तक सड़क मार्ग से नशा ले जाता था। इस दौरान वर्ष 2022 में पुलिस ने उसे पकड़ लिया, जिसके बाद उस पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ और उसे जेल में रहना पड़ा।
जेल से जमानत पर छूटने के बाद आरोपी ने फिर से नशा तस्करी शुरू कर दी, लेकिन इस बार उसने पुलिस से बचने के लिए सड़क मार्ग के बजाय हेलीकॉप्टर से सफर करना शुरू किया। देहरादून से गौचर तक का एक तरफ का हेली सेवा का किराया लगभग चार हजार रुपये है। आरोपी से खरीदार व गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में पूछताछ की जा रही है।

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