जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। हरिद्वार जनपद में अब बिना अनुमति के लाउडस्पीकर किसी भी धार्मिक स्थल पर बज नहीं सकेगा। हाईकोर्ट के इस आदेश का पालन कराते हुए पुलिस ने मंदिरों और मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाएं। इसके लिए लोगों को जागरूक भी किया गया।
धार्मिक स्थलों के लाउडस्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण के सम्बन्ध में हाईकोर्ट नैनीताल के स्पष्ट आदेश के अनुपालन में थाना पथरी, थाना बहादराबाद, थाना भगवानपुर, थाना झबरेड़ा आदि जनपद पुलिस द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्रों में गोष्ठी आयोजित कर क्षेत्र के धर्मगुरुओं, मौलवियों एवं सम्मानित व्यक्तियों को जागरुक किया गया।
आदेश का पालन कराते हुए पथरी थानाध्यक्ष रविन्द्र कुमार की अगुवाई में थाना पुलिस ने बृहस्पतिवार को धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतरवाने की कार्यवाही प्रारंभ की।
— धनपुरा निवासीगण ने दायर की थी रिट
मन्दिर व मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर के शोर से बच्चों की पढ़ाई में पड़ रहे नकारात्मक प्रभाव को महसूस कर धनपुरा पथरी निवासी अमित कुमार व तालिब हसन ने हाईकोर्ट नैनीताल में याचिका दायर कर इन लाउडस्पीकर्स को हटाने की मांग की थी।
High Court Nainital ने दिया आदेश
याचिका पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद High Court नैनीताल ने राज्य सरकार को स्पष्ट शब्दों मे आदेशित किया कि….
“कोई भी व्यक्ति अथवा धार्मिक संगठन बिना अनुमति मस्जिद, गुरुद्वारा अथवा मन्दिर में लाउडस्पीकर या PA System का प्रयोग नही करेगा।”
उक्त के अतिरिक्त भी High Court नैनीताल द्वारा जनहित के अपने आदेश में कई अन्य बिन्दुओं पर भी राज्य सरकार को निर्देशित किया है, जिसकी विस्तृत जानकारी सम्बन्धित आदेश में है।
ध्वनि स्तर का पैमाना
ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के तहत विशेष धार्मिक आयोजन हेतु अनुमति मिलने पर भी ध्वनि का स्तर 06:00 बजे से 22:00 बजे तक एवं 22:00 बजे से 06:00 बजे तक, अलग-अलग dB निर्धारित की गई है। इससे अधिक ध्वनि स्तर पाए जाने पर दोषी व्यक्ति अथवा संस्था से भारी जुर्माना वसूला जाएगा।
हरिद्वार पुलिस ने सभी ने आग्रह किया है कि ध्वनि प्रदूषण के सम्बन्ध में माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा जारी आदेश व ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 का पालन करना सुनिश्चित करें। उल्लंघनकर्ता के खिलाफ नियमानुसार कड़ी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।