जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। कांवड़ यात्रा या देश की अन्य धार्मिक यात्रा लाठी—डंडा कहीं भी प्रतिबंधित नहीं है। वैष्णों देवी माता मंदिर यात्रा हो गया उत्तराखंड की प्रमुख धार्मिक यात्रा, यात्री के लिए आवागमन के लिए डंडा प्रमुख सहारा बनता है जोकि पूरे रास्ते में आसानी से मिलता है। लेकिन उत्तराखंड पुलिस की ओर से प्रतिबंधित किए जाने की खबरें आने के बाद हुई छीछालेदारी के बाद उत्तराखंड पुलिस ने स्पष्टीकरण जारी किया है।
जुलाई के दूसरे सप्ताह से कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी। इससे पहले संबंधित प्रदेशों के पुलिस और प्रशासन के मुखियों ने बैठक करते हुए सुरक्षा आदि को लेकर गहन मंथन किया। बैठक के बाद खबरें आई कि कांवड़िये लाठी, डंडे, नुकीला भाला आदि का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा। जबकि कांवड़ियों के सैकड़ों मील का सफर, पहाड़ी या जंगलों के रास्तों से गुजरने के सफर का साथी लाठी या डंडा बनता है। इसे प्रतिबंधित किए जाने पर लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए। मामले में छीछालेदारी होने पर उत्तराखंड पुलिस को अपना स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा, हालांकि अखबारों की खबरों को भी गलत बताया है। स्पष्ट किया है कि हॉकी, बेसबॉल बैट, नुकीला भाला यात्रा के दौरान प्रतिबंधित रहेगा।
