त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव

जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। हरिद्वार जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू होते ही दिग्गज नेता तैयारियों में जुट गए हैं। लेकिन सभी की निगाह परिसीमन और आरक्षण पर लगी हुई है, क्योंकि गांवों को इधर—उधर जोड़कर प​रिसीमन कर और उनके आरक्षण बदलने से कई दिग्गजों के समीकरण बिगड़ने का अंदेशा बना हुआ है। हालांकि दूसरी पार्टियों के कई नेता सत्ताधारी पार्टी ज्वाइन करने के लिए जुगत लगा रहे हैं। लेकिन उनकी शर्तों पर उन्हें ज्वाइन कराने के लिए सत्ताधारी नेता तैयार नहीं है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घंटी बज चुकी है। सभी प्रक्रिया पूरी कराकर अगस्त महीने में चुनाव संभव है। अब ग्राम प्रधानों, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव के लिए आरक्षण एवं परिसीमन कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए जिला प्रशासनिक अधिकारी मंथन करने में लगे हुए हैं। कुछ ग्राम सभाओं के प्रधान एवं बीडीसी के आरक्षण बदलने की प्रक्रिया के साथ जिला पंचायत सदस्यों के लिए परिसीमन की गोटी बैठाने का काम मुख्य है। सूत्रों की माने तो आरक्षण की प्रक्रिया सत्ताधारी पार्टी अपने हिसाब से कराती है।
सभी पार्टियों का जोर जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पद पर रहता है। इसमें अह्म भूमिका परिसीमन एवं आरक्षण की होती है, क्योंकि कई दिग्गजों का समीकरण तो परिसीमन और आरक्षण बिगाड़ देती है। वे बिगड़े समीकरण और आरक्षण के चलते हुए चुनाव मैदान में नहीं उतर सकते।
फिलहाल जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए सदस्यों को मैदान में उतारने के लिए पार्टियों के शीर्ष नेता भी मंथन करने में जुट गए है। जो नेता निष्क्रिय थे वे भी जनता के बीच में जाकर अपनी उपलब्धियां बताने लगे हैं और लोगों की समस्याओं से भी रूबरू होकर उनके निवारण का झूठा आश्वासन देने लगे हैं।
कुछ नेता तो मलाई चाटने के चक्कर में सत्ताधारी पार्टी ज्वाइन करने के लिए जुगत लगा रहे हैं। कुछ नेता भाजपा ज्वाइन करने के लिए शर्त रख रहे हैं तो उनसे कोई बात करने को तैयार नहीं है। ऐसे में कईयों को तो मायूस होकर जाना पड़ रहा है। अधिकारियों की माने तो परिसीमन की सूची जल्द ही जारी हो जाएगी।