जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। जो बोल और सुन नहीं सकते उन्होंने भी लघु व्यापारियों की पुकार सुनते हुए उनके व्यापारिक बसेरा बसाने के लिए समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि वे व्यापारियों के हित में हमेशा खड़े रहेंगे और संघर्ष के दौरान जहां भी उन्हें बुलाया जाएगा, वे खड़े रहेंगे।
देवभूमि बधिर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप अरोड़ा का पूर्ण समर्थन चित्रा टाकीज के सामने से हटाए गए दुकानदारों को मिला है। आपको बता दे कि 19 अगस्त 2010 को प्रशासन ने जबरन लगभग 159 दुकानों को तोड़ दिया था जबकि उनके पास सुप्रीम कोर्ट के आदेश थे कि जब तक इन्हें किसी दूसरे स्थान पर और विकल्प ना दिया जाए तब तक इन्हें यहां से ना हटाया जाए, पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करते हुए इन दुकानदारों को वहा से हटा दिया गया। फिर एक बार नगर निगम ने 10 गुणा 15 की पक्की दुकान के लिए इन लोगों से सर्किल रेट के पैसे भी जमा करवाए परन्तु इन्हें आज तक कोई जगह आवंटित नहीं की गई। 11 साल से ये लोग बेरोजगार है और भूखमरी के कगार पर है। कुछ वर्ष पूर्व एक प्रस्ताव नगर निगम की बोर्ड बैठक मे पारित हुआ कि जब तक इन्हें आईटीआई मे पक्की दुकाने नहीं मिलती तब तक इन लोगों को उसी जगह पर 8 गुणा 8 का खोखा लगाकर व्यापार करने की अनुमति दी जाए। इसी आधार पर संदीप अरोड़ा ने जिलाधिकारी, विधायक और मेयर से इन लोगों को तत्काल दुकाने देने की मांग की। संदीप अरोड़ा ने लघु व्यापारिक सेवा समिति के सदस्य गौरव कालरा को लिखित में समर्थन दिया। जो लोग सुन और बोल नहीं सकते उन लोगों ने भी इन दुकानदारों की पीड़ा सुनी जबकि अधिकारी सुनकर भी अनसुना कर रहे है।