जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। हरिद्वार जनपद में इस बार खनन की खुली छूट नहीं मिल सकी। सबसे खास बात यह रही कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने अवैध खनन करने नहीं करने दिया। इससे अवैध खनन करने वालों के मंसूबे कामयाब नहीं हो सके। अब मानसून की बारिश शुरू होने पर एक जुलाई से जनपद में खनन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
हरिद्वार जनपद अवैध खनन के लिए प्रसिद्ध है। खनन का नाम आते ही करोड़ों रूपये की काली कमाई के मामले सामने आ जाते हैं। खनन करने में छूट दे जाती थी तो पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के भी भंडार भर जाते रहे हैं। अधिकारी तो कमीशन बेस पर शामिल हो जाते हैं। लेकिन इस बार धामी सरकार ने हरिद्वार जनपद में खनन करने वालों के मंसूबे पर पानी फेर दिया। उन्होंने केवल नियमानुसार ही खनन कराने दिया। भोगपुर के आसपास कुछ दिन अवैध खनन चलने की सूचना आई, लेकिन उसे तत्काल बंद कर दिया गया।
जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने बुधवार को आदेश जारी कर दिया कि शासन के निर्देशानुसार वर्षा ऋतु में गंगा एवं सहायक नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने के दृष्टिगत जनपद में संचालित समस्त आरबीएम चुगान/मिटटी खुदाई हेतु निर्गत अनुज्ञापत्र/अनुमति पर दिनांक 30.06.2022 के सूर्यास्त के पश्चात अग्रिम आदेशों तक रोक लगायी जाती है।
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि इस आदेश का उल्लंघन पाये जाने पर अवैध खनन माना जायेगा तथा उत्तराखण्ड उपखनिज परिहार नियमावली एवं भारतीय दण्ड संहिता के सुसगत प्राविधानों के अन्तर्गत कार्रवाई अमल में लायी जायेगी।
अब देखना ये भी है कि क्या डीएम अपने आदेश का पालन करा सकेंगे।