जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। धर्मनगरी में अवैध संबंध और लालच के चलते युवक ने अपने भतीजे की हत्या कर दी। मां की सवा करोड़ से ऊपर की संपत्ति का उत्तराधिकारी बनने की चाहत में हत्या कर शव को बैरागी कैंप के पास ठिकाने लगाकर उसकी मां के पास पहुंच गया। जबकि मृतक की मां ने कथित कातिल से मिलने के लिए अलग जगह पर फ्लैट बनवा लिया था। लेकिन कनखल इंस्पेक्टर अमरचंद शर्मा की टीम ने उसे धर दबोचा।
एक जनवरी को बाल्मिकी बस्ती थाना कनखल निवासी संयोगिता पत्नी स्व0 जितेन्द्र द्वारा अपने बेटे यश उर्फ कृष उम्र 17 वर्ष की हत्या के सम्बन्ध में दी गई शिकायत के आधार पर थाना कनखल पर तत्काल प्रभावी धाराओं में अभियोग पंजीकृत करते हुए एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल के निर्देश पर खुलासे के लिए टीमें गठित की गई थी।
कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए घटनाक्रम के हर पहलू को परख रही टीम को महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई कि 31 दिसंबर को मृतक यश उर्फ कृष उर्फ सिटी नए साल की खरीददारी करने अपनी मां संयोगिता के कहने पर अमित कटारिया उर्फ खली के साथ शाम 5:00 बजे के आसपास कनखल के लिए निकला था। देर रात तक कृष तो घर वापस न लौटा लेकिन देर रात करीब 1:00 बजे अमित कटारिया मृतक की मां सयोगिता के मिस्सरपुर वाले घर पर आया।
मृतक की मां द्वारा अपने बेटे के घर न आने व जूतों पर लगे लाल धब्बों के बारे में पूछने पर अमित कटारिया ने चतुराई दिखाते हुए जूते में पान की पिक लगने की बात बताई। साथ ही बताया कि कृष शायद अपने दोस्तों के साथ चिलम फुंकने गया है।
अगली सुबह अपना नाटकीय अभिनय दिखाते हुए अमित कटारिया ने मृतक के शव को अपने एक परिचित छोटू को साथ ढूंढने का नाटक किया। शव को पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया तो स्पष्ट पता चल रहा था कि कृष की बहुत ही नृशंस तरीके से हत्या की गई थी। शव के सिर पर चोटें लगी हुई थी एवं गले पर गला घोटने का निशान भी था।
मिली अहम जानकारी के आधार पर पुलिस टीम ने घटना के तमाम पहलुओं को फिजिकली चैक करते हुए हर क्षेत्र के C.C.T.V. कैमरा फुटेज के आधार पर संभावित अभियुक्त अमित कटारिया को जगजीतपुर क्षेत्र से उस वक्त दबोचने में कामयाबी हासिल की जब वह मृतक के फोन और घटना के दिन पहनी गई खून से सनी टी शर्ट को लेने के लिए जा रहा था।
अभियुक्त द्वारा पूछताछ पर बेहद चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जानकारी मिली कि संयोगिता हत्यारोपी अमित कटारिया की रिश्ते में चाची लगती है जो अपने पति के मरने के बाद कनखल स्थित मकान में अपने बच्चों के साथ रहती थी। मृतक कृष इन्ही का इकलौता बेटा था। करीब 5 -6 वर्ष से अभियुक्त अपनी चाची के संपर्क में था एवं धीरे-धीरे संबंधों में प्रगाढ़ता लाते हुए दोनों के बीच अवैध संबंध बन गए।
मौहल्ले में अवैध संबंधों की चर्चा चलने पर सहयोगिता द्वारा एक मकान मिस्सरपुर में पहले की ली हुई जमीन पर बनवाया गया जिसका सारा काम देखरेख अमित कटारिया के द्वारा किया गया। अब दोनों को तालुकात बनाने में कोई दिक्कत नहीं थी।
अभियुक्त की नजर संयोगिता के कनखल एवं मिस्सरपुर स्थित सवा करोड़ से ऊपर की संपत्ति पर थी जिसका एकलौता वारिस कृष था। गत दो माह से कृष संयोगिता और अमित कुमार को मिलने में मना करता था इस बात की जानकारी भी संयोगिता ने अमित को दी थी।
संपत्ति के लालच और अवैध संबंधों में बाधा बनने के चलते अमित ने योजना तरीके से इसे 31 दिसंबर की रात्रि अपने साथ ले गया और सबसे पहले अपने परिचित राहुल और विशाल के साथ मिस्सरपुर के आसपास चारों लोगों ने शराब पी। शाम 7:00 बजे के आसपास अमित ने उन दोनों लड़कों को घर भेज दिया और यश को ज्वालापुर खरीददारी के लिए ले गया। उसके बाद यश को बैरागी के पास ले जाकर फिर शराब पिलाई और जब कृष नशे में हो गया तो पहले रस्सी से गला दबाकर और फिर सिर पर पत्थरों से वार कर हत्या कर दी।
तत्पश्चात अभियुक्त ने शव और स्कूटी बैरागी के पास ढलान में नीचे नदी की ओर लुडका दी ताकि घटनाक्रम को एक्सीडेंट का रूप दिया जा सके। घर लौटकर वह रात भर सोया नहीं और रात्रि में 1:00 बजे के आसपास वह मिस्सरपुर चला गया। हत्या करते वक्त उसके जूते व मौजों में खून के छीटें लग गए थे।
अभियुक्त की निशादेही पर मृतक यश उर्फ कृष का मोबाईल फोन व अभियुक्त अमित के द्वारा पहनी गयी टीशर्ट बरामद की गयी। अभियुक्त अमित कटारिया को माननीय न्यायालय पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया।
हत्यारोपी अभियुक्त —
अमित कटारिया उर्फ खली पुत्र अशोक कटारिया निवासी रविदास बस्ती थाना कनखल जनपद हरिद्वार
ये सामान हुआ बरामद —
1- मृतक यश का आई फोन मोबाईल
2- अभि0 द्वारा घटना के समय पहनी गयी खूनालुदा टी शर्ट
पुलिस टीम में इनका रहा सहयोग
1- सीओ सिटी जुही मनराल, प्रभारी निरीक्षक अमरचन्द शर्मा, एसएसआई बबलू चौहान, एसआई भजराम चौहान, कमल कांत रतूडी, धनराम शर्मा, हेड कांस्टेबल सतेन्द्र सिहं, रविन्द्र तोमर, कांस्टेबल मनीष रावत, बलवंत सिहं, सतेन्द्र सिहं, उमेद सिहं, अरविन्द नौटियाल, संजू सैनी का सहयोग रहा।

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