जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। विनीत लापता था और घरवाले उसे तलाश कर रहे थे। पुलिस मामले की जांच कर रही थी। विनीत की गुमषुदगी का मामला हत्या में बदल गया। महिला मित्र से बढ़ती नजदीकी के चलते विनीत की हत्या की गई थी। दोस्तो ने शराब पिलाकर विनीत का गला काटा, फिर शव को छिपा दिया। आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिन्हें अब जेल भेजा जा रहा है।
बुधवार को बिजेंद्र पाल निवासी मुजफ्फरनगर ने सिडकुल थाने में अपने बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया कि विगत रविवार की शाम उनका बेटा विनीत मार्केट सब्जी लेने गया था, लेकिन वापस नहीं आया। बिजेंद्र पाल की ओर से की गई शिकायत पर पुलिस जांच कर रही थी।
पुलिस ने लापता की तालाश के लिए 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले और विनीत के दोस्त नरेंद्र से पूछताछ की। जांच में खुलासा हुआ कि अंकुश, सचिन और जॉनी उर्फ अनंत ने विनीत को 12 जनवरी की रात मोटरसाइकिल पर बैठाकर अपने साथ ले गए थे। पुलिस ने तीनों को सुभाष एंक्लेब से दबोचा। पुलिस की सख्ती से पूछताछ करने पर उन्होंने विनित की हत्या करना स्वीकारा। बताया कि उन्होंने विनीत को शराब पिलाई और बाद में उसकी चाकू से गला काटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को कृष्णा गार्डन के पास झाड़ियों में छिपा दिया। साथ ही आरोपियों ने विनीत का मोबाइल तोड़कर कलियर क्षेत्र में नहर में फेंक दिया। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर डेंसो चैक हेमा कंपनी से होते हुए कृष्णा गार्डन को जाने वाली कच्ची सड़क में पड़े निर्माणाधीन सामग्री बजरी के पास से झाड़ी से विनीत का शव, हत्या में इस्तेमाल चाकू, मृतक की चप्पल बरामद किया गया।
अंकुश और सचिन एक ही गांव के रहने वाले हैं, सिडकुल की मिनाक्षी पॉलीमर कंपनी में काम करते थे और सचिन, अंकुश के मकान सुभाष एंक्लेव, सिडकुल में किराये पर रहता है। विनित विक्टोरिया कम्पनी में काम करता था, विनीत, अंकुश का खास दोस्त था। एक दिन अंकुश के फोन खराब होने पर उसने विनीत के फोन से अपनी महिला मित्र को कॉल किया। बाद में विनीत ने महिला से बातचीत शुरू कर दी, जो धीरे-धीरे प्रेम संबंध में बदल गई। इस वजह से महिला ने अंकुश से दूरी बना ली। अंकुश को जब पता चला तो वह गुस्से से आग बबूला हो गया, गुस्से में अंकुश ने अपने दोस्तों सचिन और जॉनी के साथ मिलकर विनीत को ठिकाने लगाने की साजिश रची। उन्होंने पार्टी के बहाने उसे बुलाया और शराब पिलाने के बाद उसकी हत्या कर दी।
पकड़े गये अरोपियों की पहचान अंकुश पुत्र सुशील निवासी बिरालसी, मुजफ्फरनगर (वर्तमान में सुभाष एन्क्लेव, सिडकुल) सचिन पुत्र रामनिवास, निवासी बिरालसी, मुजफ्फरनगर व जॉनी उर्फ अनंत पुत्र जितेंद्र, निवासी पुरबालियान, मुजफ्फरनगर (वर्तमान में शिव विहार कॉलोनी, सिडकुल) के रूप में हुई।
आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम में थानाध्यक्ष मनोहर सिंह भंडारी के नेतृत्व में उप निरीक्षक महिपाल सैनी, इंद्र सिंह, और अनिल बिष्ट के साथ कांस्टेबल मनीष, गजेंद्र प्रसाद, और अनिल कंडारी शामिल थे।