ऑक्सफोर्ड स्कूल के पास शुक्रवार देर रात तेज रफ्तार स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। इसमें एक ही परिवार की दो बच्चियों व महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग गंभीर घायल हो गए। मृतकों में सात दिन और छह वर्ष की बच्ची शामिल हैं।

पुलिस ने घायलों को सीएचसी में भर्ती कराया, जहां से जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

कार सवार परिवार नजीबाबाद क्षेत्र से नुमाइश देखकर घर लौट रहा था। थाना क्षेत्र के गांव चक गोवर्धन निवासी 35 वर्षीय सुल्तान अहमद शुक्रवार देर शाम अपनी स्कॉर्पियो कार से परिवार के साथ नजीबाबाद में लगी नुमाइश देखने गया था। उसके साथ 28 वर्षीय पत्नी गुलअफशा, सात दिन की नवजात बेटी अनादिया, छह वर्ष की बेटी अलीशा, पांच वर्षीय बेटा शाद, सुल्तान की बड़ी बहन 45 वर्षीय चांद बानो और उसकी बेटी 14 वर्षीय अदीबा साथ थे। चांद बानो उत्तराखंड के थाना हरिद्वार के शहर लालढांग में रहती थी।

पेड़ से टकराने पर हुआ हादसा

शुक्रवार देर रात नजीबाबाद से गांव लौटते हुए लगभग 11 बजे जब उनकी स्कॉर्पियों कार नहटौर-कोतवाली मार्ग स्थित ऑक्सफोर्ड स्कूल के पास पहुंची तो अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। हादसे में सुल्तान की पत्नी गुलअफशा, दोनों पुत्रियां सात दिन की अनादिया व छह वर्ष अलीशा और बहन चांद बानो की मौके पर मौत हो गई। जबकि सुल्तान, उसका पुत्र शाद और भांजी आदीबा गंभीर घायल हो गए। राहगीरों सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल तीनों लोगों को सीएचसी में भर्ती कराया, जहां से हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला मेडिकल कालेज अस्पताल रेफर कर दिया।

मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मी

एएसपी पूर्वी धर्म सिंह मार्छाल, सीओ धामपुर सरवम सिंह और कोतवाली प्रभारी धीरज सोलंकी भी मौके पर पहुंचे और जानकारी ली। पुलिस के मुताबिक घायल सुल्तान वर्तमान में कार चलाकर परिवार का भरण पोषण करता है, इससे पहले वह हिस्ट्रीशीटर रह चुका है। उस पर नहटौर थाने में पहले कई मुकदमे दर्ज थे।

कोतवाली प्रभारी धीरज सोलंकी ने बताया कि चारों शवों काे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। इस मामले में स्वजन ने कोई तहरीर नहीं दी है।

बच्ची के जन्म की खुशी मातम में बदलीं

सुल्तान की छह वर्ष की बेटी अलीशा और पांच वर्ष का बेटा शाद है। जिसमें अलीशा की मौत हो गई। पिछले सप्ताह शुक्रवार को सात दिन पहले ही उसकी एक बेटी ने जन्म लिया था। जिससे परिवार में खुशियों का माहौल था। सुल्तान की बड़ी बहन और भांजी भी उत्तराखंड के लालढांग से इसी खुशी में शामिल होने आई थी। शुक्रवार शाम सभी ने नुमाइश देखने का प्लान बनाया था। लेकिन परिवार को क्या पता था कि लौटते समय इतना बड़ा हादसा हो जाएगा।

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