ब्यूरो रिपोर्ट
हवस में लोग कितने गलत कदम उठा लेते हैं, ये युवती की आत्महत्या के मामले में नए तथ्य सामने आए हैं। बड़ी बहन के बुलाने पर आए प्रेमी और दोस्त ने दो छोटी बहनों से दुष्कर्म किया था। दादी ने जानकारी होने पर बड़ी बहन को डांटा था, तो दस दिन पहले फंदा लगाकर जान दे दी थी।
कानपुर के फजलगंज थाना क्षेत्र में दस दिन पहले युवती की आत्महत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है। बड़ी बहन ने प्रेमी के साथ रंगरेलियां मनाने में बाधा बन रहीं दो छोटी बहनों की जिंदगी खराब कर दी। प्रेमी के चोरी छिपे घर आने की बात बहनें किसी से न कह दें, इसके लिए उसने प्रेमी व उसके दोस्त को घर बुलाया।
उन्होंने दोनों किशोरियों को डरा धमका कर उनके साथ दुष्कर्म किया। इसके बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। दोनों किशोरियों ने दादी को बहन और उसके प्रेमी व दोस्त की कारस्तानी बताई तो उसने फंदा लगाकर जान दे दी। दादी की शिकायत पर फजलगंज पुलिस ने प्रेमी और उसके दोस्त के खिलाफ शनिवार को दुष्कर्म के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की है।
परिजनों की गैर मौजूदगी में मनाते थे रंगरेलियां
साथ ही, दोस्त को हिरासत में भी ले लिया है। फजलगंज थानाक्षेत्र में रहने वाली वृद्धा का लोडर चालक बेटा अक्सर बीमार रहता है। बहू की टीबी के चलते कुछ साल पहले मौत हो गई थी। उनके तीन बेटियां थीं। बड़ी बेटी का क्षेत्र में रहने वाले युवक कृष्णा से प्रेम संबंध थे। वह परिजनों की गैर मौजूदगी में उससे मिलने घर आता था। दोनों रंगरेलियां मनाते।
दोनों छोटी बहनों ने किया था विरोध
वृद्धा के मुताबिक फरवरी में वह खाटू श्याम दर्शन करने गईं थीं, जबकि बेटा लोडर लेकर बाहर गया था। कृष्णा बड़ी बेटी से मिलने आया तो दोनों छोटी बहनों ने विरोध किया। इसके बाद बड़ी बहन ने दोनों को डराया कि किसी को कुछ बताया तो वह फंदा लगाकर जान दे देगी और उन दोनों को फंसा देगी। दोनों डर गई और किसी से कुछ नहीं बताया।
मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास जारी
थोड़ी देर बाद कृष्णा अपने दोस्त प्रथम को लेकर घर आया। दोनों ने किशोरियों से दुष्कर्म किया। बहन ने धमकी दी कि किसी को कुछ मत बताना। दोनों किशोरियों ने कुछ माह बाद हिम्मत जुटा कर दादी को घटना की जानकारी। उन्होंने बड़ी पौत्री को डांटा तो उसने फंदा लगा लिया। फजलगंज इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
दीदी कहती थी चुपचाप इनकी बात मान लो वरना…
कक्षा सात में पढ़ने वाली 13 साल की पीड़िता ने रोते हुए बताया कि जब घर पर पापा और दादी नहीं होते थे, तो हम मझली दीदी और बड़ी दीदी के भरोसे रहते थे। एक दिन जब घर पर हम तीन लोग ही थे। बड़ी वाली दीदी से मिलने कृष्णा आ गया। हमें लगा कि दीदी उसे लौटा देगी, लेकिन उन्होंने मुझे और मझली वाली बहन को मुंह बंद करने की धमकी देकर चुप करा दिया।
बात मान लो वरना हम अपनी जान दे देंगे
थोड़ी देर बाद कृष्णा के साथ उसका दोस्त प्रथम आया, तो दीदी ने हम दोनों को धमका कर कहा ये जो कह रहे हैं। चुपचाप इनकी बात मान लो वरना हम अभी अपनी जान दे देंगे। दीदी पहले भी कई बार कोशिश कर चुकी थीं। इसलिए हम लोग डर गए और उन लोगों ने मनमानी कर ली।

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