जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
पुलिस वाला ही अपनी सहयोगी पुलिसकर्मी महिला का हत्यारा निकला। उसने दो साल पहले हत्या कर शव को ठिकाने लगा दिया था, लेकिन पूरे महकमें के साथ महिला के परिवार को गुमराह करता रहा। कभी देहरादून, ऋषिकेश, हरियाणा में होने की बात दूसरे युवकों से परिजनों की कराकर गुमराह करता रहा, लेकिन जब पुलिस ने जांच शुरू की तो कड़िया जुड़ती चली गई और हत्यारे पुलिस कर्मी तक पहुंच गए। उसकी निशानदेही पर महिला का कंकाल बना शव बरामद कर लिया। साथ ही हत्या में सहयोगी रहे उसके रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दिल्ली पुलिस की पूर्व महिला सिपाही मोनिका की हत्या के अन्य राज अब जल्द खुलेंगे। आरोपी युवती पर शादी के लिए दवाब बना रहा था, जिसका वह विरोध कर रही थी और उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसने शव को नाले में फेंक दिया था और उसके ऊपर पत्थर बांध दिया था। जिससे शव नाले में ही डूबा रहे। कंकाल का मिलान मोनिका के स्वजनों के डीएनए से किया जाएगा। आरोपी को दिल्ली पुलिस ने सस्पेंड कर दिया है। उसकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि मुखर्जी नगर थाने में 20 अक्तूबर 2021 को 28 वर्षीय एक युवती की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। महिला मूलरूप से गांव कोटा, बुलंदशहर की रहने वाली थी, जोकि यहां पीजी में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। शिकायत में बताया गया कि आठ सितंबर 2021 से शबनम पीजी से गायब है। परिजनों ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2014 में शबनम दिल्ली पुलिस में सिपाही भर्ती हुई थी। उसकी तैनाती पीसीआर में रही। इस बीच वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती रही। महिला का चयन 2020 में यूपी पुलिस के सब-इंस्पेक्टर के लिए हो गया था, जिसके बाद उसने दिल्ली पुलिस से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही मुखर्जी नगर स्थित एक पीजी में रहकर सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी भी कर रही थी। यह पूरी घटना दो वर्ष पहले सितंबर, 2021 में हुई थी। पुलिस ने कंकाल को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, जिससे यह पता चल पाएगा कि आरोपी ने महिला को किस तरह मारा था।
2018 में हुई थी मुलाकात
वर्ष 2018 में पीसीआर यूनिट में नौकरी के दौरान सुरेंद्र और मोनिका की मुलाकात हुई थी। दोस्ती हुई और फिर प्रेम करने लगे। हवलदार ने मोनिका से अविवाहित होने का झूठ बोला था। हवलदार ने शादी करने के लिए मोनिका पर दवाब बना रहा था, लेकिन वह राजी नहीं थी। जिस पर हवलदार ने सितंबर 2021 में मोनिका को अगवा करने के बाद उसकी हत्या कर दी। उसके शव में पत्थर बांधकर बुराड़ी पुश्ता के पास नाले में डुबा दिया गया।
ऐसे हुआ खुलासा
बेटी का जब सुराग नहीं लगा तो मां ने मुखर्जी नगर थाने में मामला दर्ज करने की गुहार लगाई। 12 अप्रैल 2023 को मुखर्जी नगर थाना पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। लेकिन लोकल पुलिस शबनम का पता नहीं लगा सकी। इस बीच परिजनों ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से मुलाकात की। मामले की जांच करीब दो माह पहले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई। मामले की पड़ताल शुरू की गई। सबसे पहले उस नंबर की जांच की गई, जिस नंबर से अरविंद नाम का युवक शबनम के परिवार को कॉल करता था। जांच में पता चला सिम किसी पवन कुमार नामक की फर्जी आईडी पर निकाला गया था, लेकिन उस पर राजपाल नाम के युवक की फोटो लगी थी। राजपाल शबनम के परिवार के करीबी हवलदार सुरेंद्र सिंह राणा के साले राविन का दोस्त था। राजपाल से पूछताछ की तो उसने राविन का नाम लिया। राविन ने पूछताछ में सारा राज उगल दिया। उसने बताया कि उसके जीजा सुरेंद्र ने ही महिला की हत्या कर शव को गायब कर दिया है।
इसलिए की गई पूर्व महिला सिपाही की हत्या
महिला ने वर्ष 2014 में दिल्ली पुलिस ज्वाइन किया था। पीसीआर में उसकी तैनाती हुई। सुरेंद्र भी पीसीआर में उस समय हवलदार था। दोनों की पहचान हो गई। सुरेंद्र महिला के घर बुलंदशहर भी आने लगा। यहां तक परिवार के कार्यक्रम में शामिल होता था। सुरेंद्र शादीशुदा था। उसका एक बच्चा है। परिवार अलीपुर में रहता है। इधर महिला तरक्की करती जा रही थी। सुरेंद्र को लगता था कि वह यूपीएससी पास कर लेगी। सुरेंद्र ने उससे शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं थी। सुरेंद्र को लगता था कि कहीं उसके परिवार से यह राज न खोल दे। इसलिए उसने उसकी हत्या की योजना बनाई। आठ सितंबर 2021 को हत्या कर बुराड़ी नाले में फेंककर पत्थरों में छिपा दिया। बाद में हत्याकांड पर पर्दा डालने के लिए वह परिवार के साथ महिला को तलाश करने का नाटक करता रहा। वह बकायदा मुखर्जी नगर थाने पहुंचकर पुलिसकर्मियों पर उसकी तलाश करने का दबाव बनाता था। परिवार को गुमराह करने के लिए वह अपने साले रावित से अरविंद बनकर अलग-अलग इलाकों में कॉल भी करवाता था।
बहनोई स्वजनों को फोन करके करता था गुमराह
हवलदार सुरेंद्र सिंह अपने बहनोई रविन के जरिये उसके बुलंदशहर निवासी स्वजन को फोन करवाकर दिलासा देता रहा कि वह अपनी मर्जी से गई है। पुरुष मित्र के साथ खुशी से रह रही है। उसे ढूंढने की जरूरत नहीं है। इधर, खुद सुरेंद्र केस की तफ्तीश की जानकारी करने के लिए मोनिका के स्वजन के साथ तो कभी अकले मुखर्जी नगर थाने जाता रहा, ताकि पुलिस उस पर शक न करे।
कॉलगर्ल के साथ गया था घूमने
सुरेंद्र पिछले वर्ष एक कॉलगर्ल के साथ देहरादून, ऋषिकेश और मसूरी गया था। वहां वह अलग-अलग होटलों में ठहरा था। होटलों से निकलने पर उसने मोनिका के कुछ दस्तावेज होटलों में छोड़ दिया था। जिससे होटलों से मोनिका के स्वजन को फोन कर बताया गया कि वहां मोनिका ने कुछ दस्तावेज छोड़ दिया है। स्वजन की सूचना पर पुलिस जब होटलों में पहुंची, तब उन्हें बताया गया कि मोनिका वहां ठहरने आई थी। इससे पुलिस भी यह मानने लगी थी कि मोनिका अपने माता-पिता के पास नहीं जाना चाहती है।
विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच रवींद्र सिंह यादव के मुताबिक गिरफ्तार हवलदार सुरेंद्र सिंह अलीपुर का रहने वाला है। वर्तमान में उसकी तैनाती पीसीआर यूनिट में है। वर्ष 2012 में वह बतौर ड्राइवर दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था।

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