जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
एक कानूगो उर्फ राजस्व निरीक्षक या आरके रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया है। उसने भूमि पैमाइश के नाम पर 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। कानूनगो के रिश्वतकांड में फंसने के साथ लेखपालों के भी लगातार मामले सामने आ रहे हैं। अब सवाल उठता है कि तहसील में बिना रिश्वत के कोई काम होता है या नहीं, क्योंकि रिश्वतकांड के आंकड़े देखें तो तहसीलकर्मी ही ज्यादा ट्रैप हुए हैं। पकड़े जाने के बाद भी ये सुधर नहीं रहे हैं।
एंटी करप्शन की टीम ने कौशांबी में सिराथू तहसील के राजस्व निरीक्षक मेवालाल को 25 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ मंझनपुर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा लिखा गया है। उसे गुरुवार को एंटी करप्शन कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा।
कौशांबी जनपद के सैनी थाना क्षेत्र स्थित धुमाई मुराइन का पूरवा गांव निवासी बीरेंद्र कुमार की धुमाई मौजा में भूमिधरी जमीन है। उस जमीन की पैमाइश कराने के लिए बीरेंद्र कुमार ने एसडीएम सदर को आनलाइन प्रार्थनापत्र दिया था। सिराथू एसडीएम ने पैमाइश करने का आदेश दिया। आरोप है कि सिराथू तहसील के राजस्व निरीक्षक मेवालाल ने जमीन की पैमाइश/पत्थर नसब करने के एवज में बीरेंद्र से 25 हजार रुपये रिश्वत मांगा।
बीरेंद्र ने घूस न देने के लिए भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) कार्यालय में शिकायत की। गोपनीय जांच में शिकायत सही पाई गई। इसके बाद बुधवार को एंटी करप्शन की ट्रैप प्रभारी निरीक्षक अंजली यादव, इंस्पेक्टर रविंद्र सिंह, अलाऊद्दीन अंसारी, वर्षा श्रीवास्तव समेत अन्य ने कौशांबी पहुंचकर राजस्व निरीक्षक मेवालाल को घूस लेते रंगेहाथ दबोच लिया।
एंटी करप्शन की टीम ने रामलीला मैदान सिराथू के पास स्थित राजस्व निरीक्षक को उसके मकान के बरामदे में ही ट्रैप किया। वह मूलरूप से मंझनपुर के चकमजरा थाम्भा का निवासी है। ट्रैपिंग कार्रवाई का पता चलने पर राजस्व कर्मचारियों में अफरातफरी मच गई। यह भी कहा गया है कि जल्द ही उसे निलंबित करते हुए अग्रिम विधिक कार्यवाही की जाएगी।
