लक्सर पुलिस की हिरासत में अपहरण की साजिश रचने वाला आरोपी एवं कथित अपह्त हुआ युवक

जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। लक्सर कोतवाली क्षेत्र के प्रतापपुर गांव के निवासियों ने अपने गांव के 6 लोगों को फंसाने के लिए अपहरण का षड़यंत्र रचकर साजिश रच डाली। जल्द खुलासा कराने के लिए सैकड़ों लोगों के साथ कोतवाली का घेराव कराया, लेकिन पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आ गई और फर्जी तरीके से अपहरण हुए युवक के साथ उसके भांजे को पुलिस ने हिरासत में लेकर पुलिस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने पुलिस टीम के द्वारा किए गए शानदार वर्कआउट पर सराहना की है।
25 मई— 2024 को वादी कुलदीप निवासी प्रतापपुर लक्सर ने कोतवाली पर तहरीर देकर अपने ही गांव के दिनेश, अरविन्द, चांदवीर, गुड्डू, भोला व मंगलू पर अपने भाई मोहित उर्फ टीनू के साथ 24 मई को मारपीट कर उसका अपरहण करने का आरोप लगाया। तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
तुरंत एक्शन में आयी हरिद्वार पुलिस-
प्रकरण दो अलग-अलग जातियों से जुड़े परिवारों के बीच चल रहे पुराने विवाद से जुड़ा होने के कारण बेहद गंभीर प्रवृत्ति का था। मामले की जानकारी होते ही एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा तत्काल सीओ लक्सर निहारिका सेमवाल के पर्यवेक्षण में टीमें गठित कर मामले का जल्द से जल्द खुलासा करने के निर्देश जारी किए।
पुलिस टीम द्वारा घटना स्थल जाकर घटना के सम्बन्ध में पूछताछ करने तथा आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरो की फुटेजो को खंगालते हुये अपह्रत व घटना से सम्बन्धित अन्य लोगों की मोबाइल लोकेशन की जांच पड़ताल शुरु की गयी तो घटना में संदिग्धता प्रतीत हुई।
विभिन्न कड़ियां जोड़ते हुए अपहृत तक पहुंचने में जुटी टीम को जानकारी मिली कि अपह्रत अपने भांजे दर्शन के साथ था। मोबाइल बन्द होने से पूर्व भी मामा-भांजे की लोकेशन एक स्थान पर पायी गयी। लगातार प्रयासों के बाद अपह्रत मोहित को उसके भांजे दर्शन के घर जियापोता कनखल हरिद्वार से सकुशल बरामद किया गया।
बरामदगी से सामने आया षड़यंत्र-
लक्सर कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर राजीव रौथाण ने बताया कि पूछताछ में मोहित ने बताया​ कि 24 मई की रात्रि में उसका चांदवीर व गुड्डू के साथ जेसीबी मशीन के शीशे टुटने को लेकर हुए विवाद में विपक्षी पर दबाव बनाने के लिए व अपहरण का झूठा मुकदमा दर्ज कराने की साजिश रची। अपहरण की साजिश भाई कुलदीप व दर्शन के साथ मिलकर बनाई। विवाद के पश्चात मोहित अपने भांजे दर्शन के साथ उसकी गाड़ी से जियापोता जाकर छिप गया। इसके बाद अन्य परिजनों व गांव के साथ मिलकर अपने भाई मोहित के अपहरण करने की अफवाह फैलाकर मुकदमा दर्ज कर विपक्षीगण के गिरफ्तारी का दबाव बनाने का प्रयास किया गया था।
पूछताछ व जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर अपहरण व फायरिंग की सूचना झूठी पायी गयी है। वादी मुकदमा कुलदीप व घटना की साजिश में सम्मिलित मोहित व दर्शन उपरोक्त के विरुद्व पुलिस एक्ट के अन्तर्गत चालान करते हुये मुकदमा उपरोक्त में भी नियमानुसार विधिक कार्रवाई की गई।
पुलिस टीम में इनका रहा सहयोग
सीओ लक्सर निहारीका सेमवाल, कोतवाल लक्सर राजीव रौथाण, एसएसआई मनोज गैरोला, एसआई कमलकांत रतूड़ी, लोकपाल परमार, रियाज अली, हेड कांस्टेबल विनोद कुमार, कांस्टेबल मदन वर्मा, इन्द्र सिह, अनुप पोखरियाल का सहयोग रहा।

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