जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को टोंक विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया। पालयट अभी टोंक सीट से विधायक हैं। सचिन पायलट ने इस बार के हलफनामे में पत्नी सारा पायलट से तलाक का खुलासा किया है। इससे पहले तक दोनों के अलग-अलग रहने की खबरें आती थीं, लेकिन कभी की आधिकारिक रूप से तलाक का एलान दोनों की ओर से नहीं किया गया है। सचिन ने दोनों बच्चों का जिक्र जरूर किया है। जबकि, 2018 के चुनाव में दिए हलफनामे में उन्होंने पत्नी और दोनों बच्चों का जिक्र किया था।
सचिन पायलट देश के एक जाने-माने राजनेता हैं। वह चर्चित राजनीतिक हस्ती रहे राजेश पायलट के बेटे हैं और फिलहाल वह राजस्थान के टोंक विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह राजस्थान सरकार में उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह 15वीं लोकसभा में केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री भी रह चुके हैं। यही नहीं, सचिन राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे हैं। हालांकि बाद में उन्हें इस पद से हटा दिया गया था।


हालांकि इन दिनों वह अपने निजी जीवन के कारण चर्चा में हैं। हाल ही में सचिन पायलट और सारा पायलट ने तलाक ले लिया है। सचिन पायलट की सारा संग लव स्टोरी हमेशा चर्चा में रही। दोनों राजनीतिक पृष्ठभूमि से हैं। सचिन और सारा को लंदन के कॉलेज में प्यार हुआ और दोनों ने लव मैरिज कर ली। सालों रिश्ता निभाने के बाद सचिन और सारा पायलट एक दूसरे से अलग हो गए।
आइए जानते हैं सचिन पायलट की पढ़ाई से लेकर उनकी लव स्टोरी तक के बारे में, जो बड़ी ही रोचक है।
43 वर्षीय सचिन पायलट की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के एयर फोर्स बाल भारती स्कूल में हुई है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने गुडगांव स्थित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में ढाई-तीन साल काम भी किया है। हालांकि उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह विदेश चले गए।
विदेश में पढ़ाई के दौरान ही सचिन पायलट की मुलाकात सारा अब्दुल्ला से हुई और फिर धीरे-धीरे उनकी दोस्ती हुई और ये दोस्ती फिर धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। दरअसल, सारा पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की बेटी और उमर अब्दुल्ला की बहन हैं।
सचिन पायलट जब अपनी पढ़ाई पूरी कर विदेश से भारत लौटे, उसके बाद भी सारा और उनका प्यार कम नहीं हुआ। दोनों ने कई साल तक एक-दूसरे से बात की और फिर उन्होंने अपने-अपने परिवार को इस बारे में बताने का फैसला किया। दोनों ने हिम्मत करके ये काम कर तो दिया, लेकिन उनके प्यार के बीच मजहब की दीवार आकर खड़ी हो गई। दरअसल, सचिन हिंदू परिवार से थे, जबकि सारा मुस्लिम परिवार से थीं।
सचिन और सारा दोनों के परिवार ने उनकी शादी के लिए इनकार कर दिया था। कहा जाता है कि फारूक अब्दुल्ला ने तो सारा से इस बारे में बात करने से ही मना कर दिया था। सारा कई दिनों तक रोती रहीं और अपने पिता को मनाने का प्रयास करती रहीं, लेकिन फिर भी उनके पिता नहीं माने।


आखिरकार साल 2004 में सचिन और सारा ने एक दूसरे से शादी कर ही ली, जिसमें सिर्फ सचिन का परिवार ही शामिल हुआ था। उनकी शादी में अब्दुल्ला परिवार का कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ था। हालांकि समय के साथ अब्दुल्ला परिवार ने भी दोनों के रिश्ते को स्वीकार कर लिया।
सचिन ने जब राजनीति की दुनिया में कदम रखा, तब उनकी उम्र महज 26 साल थी। दरअसल, उनके पिता राजेश पायलट की मौत के बाद परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उन्हें राजनीति में आना पड़ा। कहा जाता है कि सचिन जब सांसद बने, तभी अब्दुल्ला परिवार ने सचिन और सारा के रिश्ते को स्वीकार किया था।

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