जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, हरिद्वार की प्रबन्धसमिति के भारत सरकार के केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली द्वारा मनोनीत नवीन अध्यक्ष प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने महाविद्यालय में उपस्थित होकर विधिवत् अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया। उनका महाविद्यालय परिसर में प्राध्यापक एवं छात्रों ने वैदिक मन्त्र एवं पुष्पवृष्टि कर स्वागत किया। प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने महाविद्यालय में सभागार में स्थित भगवती सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर महाविद्यालय की उन्नति की कामना की। सभागार में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृत पढ़ने का अवसर परम सौभाग्य से प्राप्त होता है। हम सबको संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए अहर्निश प्रयत्न करना चाहिए।
कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त उन्होंने महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों के साथ एक बैठक कर समस्याओं को सुना एवं उनका शीघ्र ही निस्तारण करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में संचालित व्याकरण, साहित्य, वेदान्त एवं योग के साथ-साथ वेद, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र आदि नवीन विभागों को भी प्रारम्भ करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमें परस्पर मिलकर संस्था की गरिमा को आगे बढ़ाना है। हरिद्वार धर्म नगरी है, यहां देश विदेश से लोग ज्ञान प्राप्त करने आते हैं, इसीलिए जो कार्य यहां किए जाते हैं उनका संदेश दूर तक जाता है। संस्कृत शास्त्रों का ज्ञान सर्व सुलभ कैसे हो इस पर हमें चिन्तन करना चाहिए।
महाविद्यालय की समस्याओं को लेकर प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने प्राचीन अवधूत मण्डल आश्रम के महंत एवं महामंडलेश्वर स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश से भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय परिवार एवं आश्रम परिवार दोनों ही महाविद्यालय को आगे बढ़ाना चाहते हैं। सभी की भावनाए शुद्ध एवं एक है। आपसी समन्वय के अभाव में कुछ समस्याए सामने आयी है। शीघ्र ही सबका समाधान हो जाएगा।
महामंडलेश्वर स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश ने कहा कि महाविद्यालय की स्थापना स्वामी गुरुचरणदास महाराज जी ने की थी। उनकी इच्छा थी कि यह महाविद्यालय सदा संस्कृत की सेवा करें। इसी उद्देश्य को पूर्ण करने लिए हम प्रयत्नशील हैं। निश्चित रूप से महाविद्यालय पुनः अपनी गरिमा एवं सर्वोच्च आदर्श स्थिति को प्राप्त करेगा। महाविद्यालय और अधिक गुणवत्ता के साथ आगे बढ़े, ऐसा हमारा प्रयास रहेगा।