संजय चौधरी, ब्यूरो
हरिद्वार। हरिद्वार में मौनी अमावस्या स्नान पर्व करीब 03 लाख 76 हजार श्रद्धालुओं ने हर की पैड़ी समेत कुंभ क्षेत्र के अन्य समस्त घाटों पर पवित्र डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित किया। मेला क्षेत्र में मेले के दौरान कोविड की गाइड लाइन का पालन न करने पर 969 लोगों का चालान भी किया गया।
कुंभ मेला पुलिस 10 फरवरी की शाम से ही अपनी ड्यूटी पर तैनात हो गई थी। यद्यपि इस स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की संख्या में कोरोना संक्रमण और चमोली में हुई ग्लेशियर खिसकने की घटना का काफी प्रभावित हुआ। हालांकि बुधवार की रात्रि 1200 बजे के बाद से ही हर की पैड़ी एवं अन्य घाटों पर स्नानार्थियों का आवागमन शुरू हो गया था। सुबह तड़के से सूर्योदय के साथ जैसे-जैसे मौसम में साफ खिली धूप के कारण गर्माहट बढ़ती गई वैसे-वैसे ही मेला क्षेत्र के होटल, धर्मशालाओं, लॉज, आश्रमों में ठहरे हुए श्रद्धालु और स्थानीय लोग गंगा स्नान के लिये घाटों पर पहुंचने लगे। देर रात से ही हरिद्वार सीमा में भी वाहनों के आने की दर में लगातार वृद्धि होने लगी और चमगादड़ टापू और पावनधाम की वाहन पार्किंग वाहनों से भरने लगी। यातायात एवं पार्किंग ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल द्वारा यातायात योजना और उच्चाधिकारीगण के निर्देशों के अनुसार ही वाहनों को निर्धारित चमगादड़ टापू और पावन धाम पार्किंग तक पहुंचाया गया।
घाटों, गलियों तथा पैदल मार्ग पर लगे पुलिस बल द्वारा पैदल यातायात व्यवस्था का पालन सुनिश्चित कराते हुए स्नानार्थियों को स्नान घाटों तक पहुंचने में सहायता की गई। घाटों पर तैनात पुलिस बल द्वारा ’03 डुबकी-01 स्नान’ सूत्र वाक्य को ध्यान में रखते हुए घाटों को लगातार खाली कराया जाता रहा और नए आने वाले स्नानार्थियों के लिये स्थान बनाया जाता रहा।
सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में मेले के दौरान कोविड सम्बंधित गाइड लाइन का पालन न करने वाले लगभग 969 लोगों का चालान भी किया गया। अभिसूचना विभाग के अधिकारी कर्मचारीगण के द्वारा मेला क्षेत्र में बादस्तुर सतर्क दृष्टि रखी गई और संदिग्ध वस्तुध्व्यक्तियों की चैकिग-फ्रिस्किंग की कार्रवाई की जाती रही। उत्तराखंड आतंकवाद निरोधक दस्ते, उत्तराखंड पीएसी एवं केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवान भी किसी भी विपरीत परिस्थिति से निबटने के लिये अपनी-अपनी जगहों पर सतर्क रहे। अग्निशमन विभाग की सभी 15 टीमें हरिद्वार और 05 टीमें ऋषिकेश में पूरी तैयारी के साथ निर्धारित स्थलों पर अग्निशामक उपकरणों और फायर टेंडर सहित किसी भी आपात स्थिति के लिये तैयार रहे। घुड़सवार पुलिस दस्ते के जवान शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु लगातार गश्त करते रहे। जल पुलिस, एसडीआरएफ और आपदा राहत दल की सम्मिलित टीमें 06 स्थानों 1. हर की पैड़ी, 2. भूमा निकेतन, 3. प्रेमनगर आश्रम, 4. जटवाड़ा पुल और 5. नमामि गंगे घाट चंडी घाट, 06. ऋषिकेश क्षेत्र में स्थित घाटों पर स्नान करते लोगों को लगातार सतर्क करते हुए निगरानी करती रही, जिस कारण श्रद्धालुओं के डूबने की कोई घटना नही हुई।