संजय चौधरी, ब्यूरो
पिछले साल—2020 मुश्किलों भरा रहा है, लेकिन अब अगले साल के शुभारंभ के दिन उल्लास पर गलती कर दी तो अगले साल मुश्किलें कर देंगी। इसलिए नए साल का जश्न सावधानी बरतते हुए और कोविड—19 की गाइडलाइनों का पालन करते हुए मनाएं।
नव वर्ष—2021 से लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं। अब नए साल का आगमन होने में चंद घंटे शेष रह गए हैं। दिल्ली में नए साल के जश्न मनाने पर लगी पाबंदी के बाद से वहां के निवासी उत्तराखंड में कूच कर रहे हैं। इन्हीं के साथ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के सैलानी यात्री भी उत्तराखंड में पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड के प्रशासन ने मसूरी, देहरादून में जश्न मनाने पर पर ज्यादा लोगों के एक साथ एकत्रित होने पर पाबंदी लगाई हुई हैं। हरिद्वार में कोविड—19 की गाइड लाइन का पालन करने और ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी हुई है।
अब वर्ष—2020 में मिले जख्मों को भुलाने के लिए नए साल—2021 के आगमन को लेकर उत्साहित हैं और इस पल पर खूब एंजाय करना चाहते हैं। नए साल पर उत्तराखंड में हो रही बर्फबारी का आनंद भी लेना चाहते हैं, तो इसके लिए खासकर दिल्ली के लोग दिसंबर महीने के अंतिम दिनों में पहुंचने शुरू हो गए हैं। हरियाणा से भी सैलानी व यात्री पहुंच रहे हैं। देहरादून के डीएम आशीष श्रीवास्तव ने मसूरी और देहरादून के होटल, रेस्टोरेंट को नए साल के जश्न मनाते समय नियमों का पालन करने को निर्देश दिए। उन्होंने नियम तोड़ने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए है। हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने भी नए साल के जश्न मनाने को लेकर एनजीटी के नियमों के साथ कोविड—19 की गाइडलाइन को पालन कराने के सख्ती के साथ निर्देश दिए है। आदेश के अनुसार हरिद्वार में में केवल ग्रीन पटाखे ही जलाए जा सकते हैं और इसका भी समय निर्धारित कर दिया गया है। मात्र 35 मिनट का समय 11.55 बजे से 12.30 बजे तक पटाखे जलाएं जा सकेंगे। यदि इसके बाद किसी ने पटाखे जलाएं तो उस पर कार्रवाई होगी।
