जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। मजहब नहीं सिखाता आपस मे बैर रखना। हिंदी है हम वतन है हिंदोस्ता हमारा। इन पक्तियों को चरितार्थ करते हुए जिला पंचायत हरिद्वार के पूर्व अध्यक्ष राव आफाक अली पिछले 37 वर्षो से इस पवित्र रक्षा बंधन के पर्व के धर्म को बखूबी निभा रहे हैं। उन्होंने आखिरी सांस तक ये वादा निभाने का वचन लिया है। उन्होंने राखी बंधवाते हुए अपनी बहनों से भी वचन लिया हैं कि वो अपने बच्चो को उनके मामा राव आफाक अली की तरह ही सर्व धर्म का सम्मान करेंगे और सदभावना की मिसाल बनेंगे। राव आफाक दीपावली मिलन समारोह हो या शिवभक्त कांवड़ियों की सेवा, हमेशा करते रहे हैं।
राव आफाक अली बताते है कि मुझे नहीं मालूम ये सिलसिला 80-90 के दशक में अचानक शुरू हुआ। बताया कि मैं किसी काम से थाने के दरोगा जो अब सीबी सीआईडी से रिटायर्ड इंस्पेक्टर है के घर गया। तो वह खाना खा रहे थे। उन्होंने मुझे भी खाने के लिए कहा तो मैंने मना कर दिया। तो उन्होंने हस्ते हुए कहा अरे आफाक ये दाल सब्जी भी कभी खा लिया करो, कहते हुए खाना लगवा दिया। मुझे नहीं पता था कि उस दिन रक्षा बंधन का त्यौहार था, मैंने खाना खाकर थाली में 20 रुपये रखते हुए कहा कि लो बच्चों चॉकलेट आईसक्रीम खा आओ। थोड़ी देर बाद वह तीनो बच्चे एक थाली लेकर मेरे पास आए और उन्होंने आकर मुझे तिलक लगाते हुए हाथों में राखिया बांध दी। तब मेरा वाईके शर्मा की फैमिली से पूरा परिचय हुआ। इसमें कंचन शर्मा उम्र 8 साल, शुरभी शर्मा उम्र 6 साल और दीपा शर्मा उम्र 4 साल रही होगी। पता चला कि इन तीनों बहनों का कोई भाई नही हैं। 10— 12 वर्ष के बाद इनके माता पिता को आयुष शर्मा नाम के पुत्र की भी प्राप्ति हो गई लेकिन पहली राखीया आज भी राव आफाक अली को ही बांधी जाती है। जो लगातार पिछले 37 वर्षो से चला आ रहा है जबकि ऐसी मिसाले कम ही देखने को मिलती है। ज्यादातर लोग किसी अधिकारी या नेता से जब तक ही रिश्ता निभाते है। जब तक की वह कुर्सी या पांवर में होता है। राव आफाक अली की छोटी बहन नुजहत राव ने भी लव कुमार शर्मा जो सिंचाई विभाग में जेई है जो पिछले 20 वर्षो से लव कुमार शर्मा को राखी बांधती चली आ रही है। लव कुमार शर्मा के माता पिता का देहांत हो गया था उनका कोई नजदीक का भाई बहन भी नहीं है। अब राव आफाक अली की फैमिली के सगे भाइयों की तरह ही उन्हे शुमार किया जाता है।
