शहीद खिलाफ सिंह नेगी— फाइल फोटो

जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
उत्तराखंड। उत्तराखंड का एक ओर बेटा 21 साल की आयु में ही शहीद हो गया। उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर खंड के कनोल गांव निवासी खिलाफ सिंह नेगी रविवार की शाम को शहीद हो गए। उनका एक माह से लखनऊ के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। 2021 में सेना में भर्ती हुए खिलाफ सिंह नेगी के शहीद होने की खबर जैसे ही गांव में आई, वैसे ही पूरा गांव सदमे में डूब गया। बेहद कम उम्र में खिलाफ सिंह नेगी का चले जाना पूरे उत्तराखंड के लिए बड़ी क्षति है।
नंदानगर विकास खंड के दूरस्थ कनोल गांव के भारतीय सेना के जवान 21 वर्षीय खिलाफ सिंह नेगी शहीद हो गए। पिछले एक माह से लखनऊ के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। शहीद खिलाफ सिंह ने रविवार को शाम पांच बजे दम तोड़ा। बेटे के शहीद होने की खबर मिलते ही कनोल गांव में उसकी मां मथुरा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है और पिता नारायण सिंह खड़े भी नहीं हो पा रहे हैं।
शहीद खिलाफ सिंह की अभी शादी नहीं हुई थी, उसके बड़े भाई कुंवर सिंह की गोपेश्वर में कपड़ों की दुकान है। जबकि बड़ी बहन की कुछ समय पहले ही शादी हुई थी। खिलाफ सिंह के शहीद होने की खबर मिलते ही नंदानगर में मातम पसर गया। कनोल गांव में भी सन्नाटा है।
खिलाफ सिंह नेगी वर्ष 2021 में लैंसडाउन में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उनके पार्थिव शरीर को लखनऊ से घर लाया जा रहा है। मंगलवार को सितेल में पैतृक घाट पर शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
जयपुर में तैनात था खिलाफ सिंह
कनोल गांव पहले से ही वीर सपूतों की भूमि रही है। परिवार में खिलाफ सिंह ही नारायण सिंह का कमाऊ बेटा था। खिलाफ सिंह ने भारत माता की खातिर अपनी छोटी उम्र में ही अपने प्राण न्योछावर कर दिए। बताया जा रहा है कि खिलाफ सिंह वर्तमान में जयपुर में तैनात था।

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