ऑक्टागन बिल्डर प्रमोटर्स के निदेशक गैंग के लीडर कुलदीप नन्दराजोग और उसकी सहयोगी महिला अंजली त्यागी।

जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने दारोगाओं के तबादले किए हैं। जिनमें रुड़की सीआईयू प्रभारी धर्मेंद्र राठी को मंगलौर का एसएसआई बनाया है। जबकि यहां के एसएसआई प्रमोद कुमार को पुलिस कार्यालय में नियुक्त करते हुए ऑक्टागन प्रकरण की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी में शामिल किया है। इन्हीं के साथ पुलिस लाइन में तैनात दिलबर सिंह नेगी को प्रभारी सीआईयू रुड़की बनाया है।
प्रमोद कुमार के एसआईटी में शामिल होने से जांच में तेजी आएगी।
यह है पूरा प्रकरण
ऑक्टागन बिल्डर्स के कई सौ करोड़ के धोखाधड़ी वाले मामले में रैकेट सरगना कुलदीप नन्दराजोग को महिला साथी सहित हरिद्वार पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है। उनका 650 बीघे से ज्यादा जमीन पर ऑलीशान पॉश कालोनी का मायाजाल फैला हुआ था। एसआईटी कथित बंटी-बबली सहित अन्य साझेदारों की नब्ज टटोल रही है। ठगी की अनुमानित रकम कई सौ करोड़ है, वे आलीशान टाउनशिप में घर बनाने के सपने दिखाकर लोगों को अपने झांसे में फांसते थे। गैंग सरगना कुलदीप के खिलाफ धोखाधड़ी के 04 दर्जन से ज्यादा मुकदमें दर्ज है, जबकि उसकी सहयोगी महिला पर भी 09 मुकदमें दर्ज है। एसएसपी ने एसआईटी टीम को 1 महीने के अंदर जांच पूरी करने का समय दिया है।
एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई से हरिद्वार की शानदार लोकेशन पर प्लॉट खरीद कर अपना आशियाना तैयार करने की योजना बना रहे लोगों को सुहाने सपने दिखाकर ठगने के लिए कुख्यात ऑक्टागन बिल्डर्स पर हरिद्वार पुलिस की तिरछी नजर एक बड़े जनसमुदाय के लिए उम्मीद की किरण है।
बीते माह संबंधित गैंग के लीडर कुलदीप नन्दराजोग और उसकी सहयोगी महिला अंजली त्यागी के हरिद्वार पुलिस के गिरफ्त में आने के बाद अनेक व्यक्तियों द्वारा स्वयं को ठगी का शिकार बताते हुए, पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल से भेंट कर, अपनी शिकायतें रखी थी। जिनमें समय-समय पर मुकदमें दर्ज किए गए थे।
प्रथम दृष्टया गैंग द्वारा लोगों से कई सौ करोड रुपए की धोखाधड़ी किए जाने का पता चला, जिसमें बाद में और मामले सामने आने पर कई मुकदमे दर्ज हुए, इन सब मामलों की विस्तृत जांच अब SIT कर रही है। गैंग में लीडर कुलदीप के अतिरिक्त सतपाल नन्दराजोग, अंजली त्यागी, संजीव गुप्ता, सौरभ गांधी सक्रिय सदस्य रहे हैं।
एसआईटी में एसपी क्राइम/ट्रैफिक जिले में तैनात आईपीएस अजय गणपति कुम्भार के नेतृत्व में टीम में एक राजपत्रित अधिकारी, एक निरीक्षक सहित कुल 12 सदस्यों को इसमें शामिल किया गया है।

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