जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
मोबाइल चार्जिंग पर लगा हो तो कभी भी उसे चलाने की गलती न करें। यदि चार्जिंग पर लगे होने पर उसका इस्तेमाल कर रहे तो सावधानी बरते। यदि चार्जिंग पर लगा हुआ तो उसे मेज पर रखे, क्योंकि मेरठ में बड़ा हादसा हुआ है, जिसमें चार बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई है। पल्लवपुरम की जनता कालोनी में शुक्रवार देर शाम शार्ट सर्किट से लगी आग में झुलसे दो और बच्चों की उपचार के दौरान मेडिकल कालेज में मौत हो गई है। मृतकों की संख्या चार हो चुकी है। जिनमें से दो बच्चों की मौत देर रात ही मेडिकल कालेज में हो गई थी। मृतक बच्चों में 12 साल की सारिका, 8 साल की निहारिका, 6 साल का गोलू और 5 साल का कल्लू शामिल है
हीं बच्चों की मां को पुलिस ने देर रात ही दिल्ली के एम्स हास्पिटल में भर्ती कराया था, जहां उनकी हालत गंभीर बताई गई है। जबकि बच्चों का पिता 20 फीसदी जला है, जो खतरे से बाहर है।
पल्लवपुरम थाने की पावली खास रोड स्थित जनता कालोनी में एक मकान में किराए पर रहने वाला जोनी मजदूरी करता है। जोनी मूल रूप से मुजफ्फरनगर की जानसठ रोड स्थित सिखेड़ा गांव का निवासी है, जो कई सालों से जनता कालोनी में किराये के मकान में रहता है।
मोबाइल की लीड और चार्जर के पास सर्किट से लगी आग
शनिवार शाम करीब 5:30 बजे बेड पर जोनी के बच्चे निहारिका, गोलू और कल्लू खेल रहे थे। एक बच्चे के हाथ में मोबाइल था। मोबाइल की लीड चार्जर में लगी हुई थी, जिससे मोबाइल चार्ज हो रहा था। जबकि बड़ी बेटी सारिका अपनी मां बबीता के साथ बेड के पास बैठी थी। जोनी रसोई में था। तभी मोबाइल की लीड और चार्जर के पास सर्किट से आग लग गई। आग की लपटें बेड के गद्दे में पहुंची, पलक झपकते ही चिंगारी शोलों में बदल गई। बेड पर बैठे बच्चे आग की चपेट में आ गए।
जोनी ने पत्नी और बड़ी बेटी के साथ बच्चों को बचाने का प्रयास किया। जिसमें वह तीनों भी झुलस गए। शोर शराबे के बीच पड़ोसी की भीड़ जमा हो गई। सभी घायलों को पल्लवपुरम के फ्यूचर प्लस हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां गंभीर हालत देख बबीता समेत चारों बच्चों को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था जॉनी बीस फीस दी जला था।
जिसका प्राथमिक उपचार फ्यूचर प्लस हॉस्पिटल में ही कर दिया गया। देर रात गोलू और निहारिया की मौत हो गई थी। मेडिकल कॉलेज में सुबह उपचार के दौरान सारिका और कल्लू की भी मौत हो गई।
