ब्यूरो रिपोर्ट
वाराणसी की गायिका से दुष्कर्म मामले में दोषी निषाद पार्टी के पूर्व विधायक और बाहुबली विजय मिश्र को 15 साल की कठोर करावास की सजा सुनाई गई है। 1.10 लाख जुर्माना भी लगाया गया है। सजा सुनाने के दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एमपी/एमएलए कोर्ट) सुबोध सिंह की अदालत ने तल्ख टिप्पणी की है।
अदालत ने कहा कि दोषी विजय मिश्र बीस वर्ष (चार बार चुनाव जीता) तक ज्ञानपुर क्षेत्र से विधायक रहा है। न्यायालय का मानना है कि एक लोक प्रतिनिधि द्वारा दुष्कर्म जैसा अपराध करना गंभीर है। यह ऐसा कृत्य है, जिससे आम जनमानस का लोक प्रतिनिधियों में विश्वास टूट जाता है।
जिस व्यक्ति को जनता अपना प्रतिनिधि चुनकर विधानसभा या लोकसभा भेजती है, उसके द्वारा ही जनता की किसी महिला के साथ ऐसा अपराध किया जाना, आम जनता के साथ विश्वासघात किए जाने से कम नहीं है। भरोसा तोड़ने जैसा है।
बाहुबली पूर्व विधायक को कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को अदालत में पेश किया गया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एमपी/एमएलए कोर्ट) सुबोध सिंह की अदालत दोपहर बाद बैठी और सजा का एलान कर दिया। जिस मामले में विजय मिश्र को सजा हुई है, वह 2020 में दर्ज हुआ था। पुलिस ने विवेचना करके आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया था।
अदालत ने तीन वर्ष में ही सजा सुना दी। सजा सुनाते वक्त अदालत ने कहा दोषी विजय मिश्र कोई साधारण व्यक्ति नहीं है। ज्ञानपुर क्षेत्र से चार बार विधायक रहा है। उसने एक ही पीड़िता से तीन बार दुष्कर्म का अपराध किया है। असाधारण व्यक्ति ने साधारण महिला को अपनी हवस का शिकार बनाया।
पूर्व विधायक का आपराधिक इतिहास लंबा
दोषी का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। दो मामलों में दूसरी अदालतें सजा सुना चुकी हैं। अब तीसरे मामले में अब तक की सबसे बड़ी सजा मिली है। इससे पहले अलग-अलग अदालतों ने ढाई और पांच साल की सजा सुनाई थी।
83 मुकदमे, अब तक तीन मामलों में सजा
बाहुबली पूर्व विधायक के खिलाफ भदोही, वाराणसी, प्रयागराज सहित यूपी के कई जिलों और दूसरे राज्यों में 83 मुकदमे दर्ज हैं। अब तक तीन मामलों में सजा मिल चुकी है।
भदोही की अदालत ने आर्म्स एक्ट में ढाई साल की सजा सुनाई है। इसी तरह प्रयागराज की अदालत ने एक मामले में पांच साल की सजा सुनाई है। अब भदोही की अदालत ने 15 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

2014 में दुष्कर्म, 2020 में दर्ज हुआ मुकदमा, 2023 में सजा
वाराणसी की एक गायिका ने पूर्व विधायक, उसके बेटे विष्णु मिश्रा, नाती विकास मिश्रा के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। आरोप लगाया था कि पूर्व विधायक ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। वाराणसी के जैतपुरा थानाक्षेत्र की रहने वाली महिला ने इस मामले में वर्ष 2020 में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र दाखिल किया था।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद गत शुक्रवार (3 नवंबर 2023) को पूर्व विधायक को दोषी करार दिया था, जबकि उसके बेटे विष्णु मिश्रा और नाती विकास मिश्रा को दोषमुक्त कर दिया। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विनय बिंद और दिनेश पांडेय ने बताया कि पूर्व विधायक को अपने किए की सजा मिली है।
दो मामलों में सजा, दुष्कर्म पीड़ितो को मिलेगी जुर्माने की 50 फीसदी धनराशि
अदालत ने बाहुबली पूर्व विधायक को दो मामलों में सजा सुनाई है। दुष्कर्म में 15 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई और एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है। अगर जुर्माना राशि अदा नहीं की गई तो तीन वर्ष की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। दुष्कर्म पीड़िता को धमकाने के मामले में दो वर्ष की सजा सुनाई गई।
साथ ही 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। जुर्माना न अदा करने पर तीन महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। अदालत ने कहा कि दोषी विजय मिश्रा की दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। पहले से जेल में रहने की अवधि भी इसमें जोड़ी जाएगी। जुर्माने का पचास फीसदी हिस्सा दुष्कर्म पीड़ितो को दिया जाएगा।
सजा सुनाने के दौरान अदालत की सुरक्षा सख्त रही। बाहुबली पूर्व विधायक को अदालत में पेश किया गया, फिर कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेजा गया। अदालत परिसर में आने-जाने वाले हर व्यक्ति का पहचान पत्र देखा गया।
भदोही के डीघ ब्लॉक से सियासी पारी शुरू की थी, फिर विधानसभा चुनाव के मैदान में उतर गया। चार बार चुनाव जीता और विधायक बन गया। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद विजय मिश्रा की परेशानी शुरू हुई। रिश्तेदार की संपत्ति हड़पने के मुकदमे में शासन सख्त हुआ तो वह फरार हो गया।
83 मुकदमें
इसके बाद एसटीएफ और पुलिस ने मध्य प्रदेश से उसे गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद धमकी, जालसाजी, दुष्कर्म सहित कुल 83 मुकदमे दर्ज किए गए। 21 मामले अदालत के विचाराधीन हैं। अदालत में सुनवाई चल रही है।
पांच साल की सजा
अक्तूबर 2022 में करीब 13 साल पुराने आर्म्स एक्ट के मुकदमे में भदोही की एमपी/एमएलए कोर्ट ने ढाई साल की सजा सुनाई तो मार्च 2023 में प्रयागराज की एमपी/एमएलए कोर्ट ने चुनावी सभा में फायरिंग करने के मुकदमे में पांच साल की सजा सुना दी।
दुष्कर्म पीड़िता को धमकाने के मामले में तय हो चुका है आरोप
दुष्कर्म पीड़िता पर जानलेवा हमला, गवाही न देने के लिए धमकाने सहित अन्य आरोपों में विजय मिश्रा, उसके बेटे, भतीजों, दामाद और बेटियों सहित 14 लोगों के खिलाफ जैतपुरा थाने में 13 सितंबर 2021 को मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप है कि विजय मिश्रा, उसके बेटे और नाती के खिलाफ भदोही में दर्ज कराए गए मुकदमे में समझौता करने और गवाही न देने का पीड़िता पर दबाव बनाया गया। बात न मानने पर उस पर जानलेवा हमला कर जानमाल की धमकी दी गई। इस मामले में विधायक विजय मिश्रा, उसके बेटे विष्णु मिश्रा, भतीजे मनीष व विकास मिश्रा, दामाद मुकेश तिवारी और बेटी गरिमा तिवारी पर अदालत आरोप तय कर चुकी है।
अब सजा काटने पर होगा एहसास
जैतपुरा क्षेत्र में रहने वाली दुष्कर्म पीड़िता ने कहा कि हमारी जिंदगी को नरक बनाने वाले के साथ अदालत ने सही किया है। विजय मिश्रा की जिंदगी जेल की सलाखों के पीछे ही बीत जाएगी। जेल में उसे रोजाना एहसास होगा कि उसने हमारे साथ कितना गलत किया था। हमने अपना जो खोया है, उसकी भरपाई इस जन्म में नहीं हो सकती है। अब उसके बेटे विष्णु और नाती विकास के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील कर दोनों को दंडित करने के लिए अनुरोध करूंगी।