जोगेंद्र मावी, ब्यूरो

हरिद्वार। बैंक में जमा करने के नाम पर  ग्रामीण क्षेत्रों की भोली भाली जनता के करोड़ों रुपए के गबन प्रकरण में हरिद्वार पुलिस ने मास्टरमाइंड को जेल भेज दिया.  प्रारंभिक जांच में 6 से 7 गांवों के हजारों लोगों के प्रभावित होने की संभावना, विवेचना जारी है।

कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के संज्ञान में जनपद हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्र की कोतवाली मंगलौर के गांव अकबरपुर ढाढेकी का एक आश्चर्यचकित करने वाला प्रकरण सामने आया जिसमें उस गांव के प्रणव सैनी नामक व्यक्ति द्वारा एक फर्म से अनुबंध के तहत एक मिनी एसबीआई बैंक की शाखा कॉमन सर्विस सेंटर खोला जिसमें उक्त गांव एवं आसपास के कई सारे गांव के हजारों लोगों द्वारा अपनी बचत की छोटी-छोटी रकम उक्त सीएससी सेंटर में जमा की। सभी ग्रामीणों को लगता था कि यही हमारा बैंक है लेकिन इस बीच ग्रामीणों को जब पता चला कि उनके द्वारा जमा किए जा रहे पैसे असल में उनके खाते में जा ही नही रहे… ये बात जंगल में आग की तरह फैली और अपने खून पसीने की कमाई को लेकर चिंतित ग्रामीण परेशान होकर पुलिस के पास पहुंचे।

🟠 कैसे हुआ करोड़ों का गबन —

बैंक ने अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए कुछ फर्म से अनुबंध किया था/है ताकि अगर कोई व्यक्ति जो बैंक से दूर है अथवा बैंक की कार्य प्रणाली की ज्यादा जानकारी नहीं रखता वह आसानी से यहां जाकर अपना बैंक संबंधी कार्य कर सके।

CSC-e (कॉमन सर्विस सेंटर-ई) गवर्नेंस सर्विसेज इण्डिया लिमिटेड व स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के बीच CSC सेंटर खोलने का अनुबंध हुआ जिसमें अनुबंधित कंपनी मुख्य शाखा से काफी दूरी पर CSC खोलती है ताकि आमजन जो बैंक से दूर है अपने घर के नजदीक ही बैंकिंग सुविधा का पूरा लाभ आसानी से उठा सके।

🔺 यहीं से शुरू हुआ खेल 🔻

बैंक से दूरी, समय की कमी और पैसा जमा करने और निकालने में फॉर्म भरना, पासबुक एंट्री करवाना इत्यादि साधारण सी बैंकिंग कार्य-प्रणाली का फायदा उठाया CSC सेंटर चलाने वाले उसी गांव के व्यक्ति👤 प्रणव सैनी ने क्योंकि गबन करोड़ों का हुआ है इसलिए इसके पीछे और कौन-कौन शामिल है हरिद्वार पुलिस द्वारा इसकी जांच जारी है…

आवागमन के साधनों की कमी व मुख्य बैंक शाखा की गांव से दूरी को देखते हुए लोग CSC गए जहां प्रकरण के मास्टरमाइंड प्रणव सैनी ने ग्रामीणों से मीठे बोल बोले और समय बे-समय एवं अटके में ग्रामीणों को (उन्हीं का ही) पैसा घर बैठे पहुंचा दिया जिससे ग्रामीणजन को लगा कि उनका सच्चा साथी यही है। अपनी मददगार छवि से आरोपी ने कुछ ही साल में आमजन का भरोसा जीत लिया।

इसी भरोसे का फायदा उठाकर कथित संचालक प्रणव सैनी ने पैसों के लेनदेन का हिसाब (डाटा इंट्री) पासबुक के बजाए अपनी डायरी पर करना शुरु कर दिया। कुछ व्यक्तियों द्वारा काफी मोटी-मोटी रकमें भी उक्त मिनी बैंक में जमा कर रखी थीं। धीरे-धीरे इस रकम की संख्या बढ़ती गई जिसको देखकर उक्त संचालक के मन में बेईमानी आ गई।

इसी बीच एक खाता धारक जब कस्बा मंगलौर के एसबीआई बैंक में पैसे निकालने पहुंचा तो उसे पता लगा कि उसके अकाउंट में तो रकम है ही नहीं।

मामले में जनवरी को कोतवाली मंगलौर में गंभीर धाराओं 316(5), 318(4) BNS में मुकदमा दर्ज हुआ।

आमजन में अभियुक्त की गिरफ्तारी को लेकर भारी आक्रोश था क्योंकि हर ग्रामीण अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा था और मामले में जल्दी कार्रवाई चाहता था।

एसएसपी द्वारा प्रकरण की गंभीरता को समझते हुए मामले में S.I.T का गठन किया व जल्द से जल्द ठगी का शिकार हुए ग्रामीणों को न्याय दिलाने के सुस्पष्ट निर्देश जारी किये और समय-समय पर मामले की प्रगति की स्वयं समीक्षा की। इस बीच कप्तान द्वारा एक और कड़ा रुख अपनाते हुए फरार आरोपी पर ₹5000 का इनाम भी घोषित किया गया जिससे आरोपी काफी दबाव में आ गया।

🟢 ₹10000/- की निकासी का था अधिकार-

एसबीआई शाखा एवं अनुबंधित फर्म CSC-e (कॉमन सर्विस सेंटर – ई) गवर्नेंस सर्विसेज इण्डिया लिमिटेड द्वारा केंद्र संचालक (आरोपी) को यह अधिकार दिया हुआ था/है कि वह निकासी फॉर्म में खाताधारक एवं अपने हस्ताक्षर (या अंगूठा) से एकबार में ₹10000/- (दस हजार) तक रकम निकाल सकता था/है। बस इसी सुविधा का फायदा उठाकर आरोपी ग्रामीणों को (जो उस पर पूरा विश्वास करते थे) बिना किसी परेशानी के रकम उपलब्ध करा देता था। ग्रामीणों को लगता था कि हमको बैंक ना जाकर यहीं पर पूरी सुविधा मिल रही है और आदमी भी हमारे गांव का है इसलिए सब कुछ ठीक हो रहा है।

🟣 सार्थक मेहनत का निकला सार्थक परिणाम-

आरोपी की गिरफ्तारी एवं साक्ष्य संकलन के लिए लगी पुलिस टीम ने दिन-रात मेहनत कर आखिरकार नारसन क्षेत्र से आरोपी प्रणव सैनी को दबोचने में कामयाबी हासिल की। टीम ने साथ ही चलाए जा रहे सीएससी सेंटर से विभिन्न कागजात व उपकरण भी बरामद किए। विधिक कार्यवाही जारी है।

🟤🟤हरिद्वार पुलिस आपसे अपील करती है🟤🟤

वर्तमान दौर में धोखाधडी और ठगी के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए किसी का भी आंख मूंदकर भरोसा न करें।

किसी भी लेनदेन में ये जरूर सुनिश्चित करें कि कहीं भरोसे या मुनाफे की आड़ में आपसे धोखाधड़ी तो नही हो रही है। समय-समय पर अपना अकाउंट बैंक में जाकर स्वयं चेक करें। समय-समय पर दो या तीन जगह से अपने लेनदेन को क्रॉस चेक जरूर करें।

🔘 पकड़ा गया आरोपित-

प्रणव सैनी पुत्र रविंद्र सैनी निवासी अकबरपुर ढाढेकी कोतवाली मंगलोर हरिद्वार

🔘 बरामद माल-

1- ATM कार्ड- 1600 से अधिक

2- पासबुक- 900 से अधिक

3- आधार कार्ड- 38

4- पैनकार्ड- 11

5- मतदाता पहिचान पत्र- 05

6- लैपटाप- 02

7- कम्प्यूटर मोनीटर – 02

8- सीपीयू- 01

9- प्रिंटर- 01

10- बायोटेक मशीन

11- ₹3720/- नगद आदि

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