ब्यूरो रिपोर्ट
रिंग रोड के लिए भूमि अधिग्रहण घोटाले में शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। शासन ने बरेली-सितारगंज हाईवे और बरेली रिंग रोड निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में हुए करोड़ों के घोटाले में दो पीसीएस अफसरों आशीष कुमार व मदन कुमार को निलंबित कर दिया है। बरेली में तैनात एडीएम आशीष कुमार के पास विशेष भू-अध्याप्ति अधिकारी का प्रभार है, जबकि मदन कुमार मऊ में तैनात हैं। निलंबित किए गए दोनों अफसरों को राजस्व परिषद से संबद्ध किया गया है। दोनों पर वर्ष 2018 से 2020 के बीच हुए भू-अधिग्रहण घोटाले में शामिल होने का आरोप है।
उस दौरान मदन कुमार बरेली में सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात थे। उनके पास भू-अध्याप्ति अधिकारी का प्रभार था। घोटाले में इसके पहले लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं को निलंबित किया जा चुका है। इसके अलावा घोटाले में शामिल अन्य 15 आरोपी भी निलंबित हो चुके हैं। शासन की ओर से कराई गई जांच में हाईवे निर्माण के लिए भू-अधिग्रहण में करीब 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला अब तक सामने आ चुका है।
200 करोड़ के घोटाले के खुलासे के बाद से लटक रही थी तलवार
बरेली-सितारगंज हाईवे और रिंग रोड के लिए भू-अधिग्रहण में 200 करोड़ से अधिक का घोटाला किया गया। जांच में राजफाश होते ही ही दो बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी थी। कार्रवाई के बाद अब सभी अटकलें दूर हो गई हैं। बरेली में तैनात विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी आशीष कुमार और घोटाले के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट रहे मदन सिंह का नाम सामने आया था। वर्तमान में मदन कुमार की तैनाती मऊ में है।
बरेली-सितारगंज हाईवे के चौड़ीकरण और रिंग रोड के निर्माण के लिए भूअधिग्रहण के दौरान मूल्यांकन में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ था। चार माह से लगातार कारवाई चल रही है। जमीन के पेशेवर खरीदारों से सांठगांठ कर मूल्यांकन में घपलेबाजी में डीएम और कमिश्नर ने अलग-अलग जांच रिपोर्ट शासन तक भेजी है। इसमें सबसे पहले 50 करोड़ का घोटाला सामने आया था और एनएचएआई के दो अधिकारी निलंबित हुए थे। मामले की रिपोर्ट राज्य सरकार और जिला प्रशासन को भेजी गई।
सीडीओ, डीएम व मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट में एक के बाद एक नाम उजागर होते रहे और कार्रवाई होती रही। रिपोर्ट में दो विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारियों, पीडब्ल्यूडी के एक सहायक अभियंता, तीन अवर अभियंताओं, सेवानिवृत्त हो चुके एक अधिशासी अभियंता के साथ ही एक अमीन का नाम खोला गया। कमिश्नर की ओर से जांच कराई गई तो तार पीसीएस अधिकारी से जुड़ गए। इस रिपोर्ट को कार्रवाई की संस्तुति के साथ शासन को भेजा गया था। तभी से इस रिपोर्ट पर शासन में मंथन और परीक्षण चल रहा था। अब यह कार्रवाई की गई है।
जानिए, कब क्या हुआ
एक अगस्त को एनएचएआई मुख्यालय की जांच टीम बरेली आई। चार दिनों तक छानबीन की।
23 अगस्त को एनएचएआई के तत्कालीन पीडी बीपी पाठक, क्षेत्रीय अधिकारी संजीव शर्मा निलंबित।
30 अगस्त को डीएम ने सीडीओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया।
10 सितंबर को सीडीओ की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी ने डीएम को रिपोर्ट सौंपी।
11 सितंबर को शासन को जांच रिपोर्ट पहुंची, मुख्यमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान।
13 सितंबर को मंडलीय जांच कमेटी ने कमिश्नर को जांच रिपोर्ट सौंपी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *