जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
सिपाही ने ऑनलाइन गेम खेलकर अपनी गाढ़ी कमाई के साथ पैत्रक संपत्ति भी बेचकर गवां दी। सिपाही मुजफ्फरनगर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव की सुरक्षा में तैनात थे। सिपाही को तीन गोलियां लगी थीं, लेकिन मौके से सिर्फ एक खोखा ही बरामद हुआ है। सिपाही का छोटा भाई हादसे का शिकार हो गया था, उसका भी एक छोटा बच्चा है। अब परिवार में कोई कमाने वाला नहीं बचा।
बुलंदशहर जिले के खानपुर क्षेत्र के शेखपुर गढ़वा गांव निवासी सिपाही रुपेंद्र सिंह (33) का शव रविवार देर रात मुजफ्फरनगर में रेल पटरी के पास पड़ा मिला। रुपेंद्र तीन साल से मुजफ्फरनगर के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव की सुरक्षा में तैनात था। परिजनों के मुताबिक रुपेंद्र ने ऑनलाइन गेम में लाखों रुपये गंवाए थे।

पुलिस का कहना है कि 2016 बैच के सिपाही रुपेंद्र का शव मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन से सहारनपुर की तरफ तीन सौ मीटर आगे पड़ा था। आंख के पास तीन गोली लगी थीं, जो सिर के आरपार हो गई थीं। मौके पर पुलिस को ऑटोमेटिक मोड पर लगी कारबाइन, उसका एक खोखा, एक कारतूस, कारबाइन में चार जिंदा व एक मिस कारतूस मिला है। दिन में तलाशने पर भी दो कारतूस नहीं मिले। बैग और जेब से मोबाइल भी बरामद किया गया है।
सूचना मिलने पर सोमवार सुबह सिपाही के पिता, चचेरा भाई विजय, पत्नी कविता, दोनों बच्चे, रिश्तेदार विवेक राजपूत सिविल लाइन थाने पहुंच गए। पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर गांव के लिए रवाना हो गए। शव शाम 4:40 बजे गांव पहुंचा। सूचना पर सैकड़ों ग्रामीण जमा हो गए। पति का शव देखते ही पत्नी कविता बेहोश हो गई। मां इमरती देवी का भी रो रोकर बुरा हाल था। खानपुर थाने की पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
परिजनों ने पुलिस को बताया कि रुपेंद्र ने किसी की भी कॉल रिसीव नहीं की। उसके मोबाइल पर कई मिस कॉल मिलीं। परिचितों ने वॉट्सएप पर मैसेज भी भेजे थे। कुछ ने तो फोन उठाने के बारे में भी लिखा था। कारबाइन को जांच के लिए निवाड़ी लैब भेजा जाएगा। यह भी पता किया जाएगा कि ऑटोमेटिक मोड पर लगने के बाद मैग्जीन में मौजूद अन्य गोलियां कैसे नहीं चलीं। वह रेलवे ट्रैक पर कैसे पहुंचा आदि बिंदुओं पर भी पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

हादसे में भाई की हो चुकी है मौत, घर में कमाने वाला कोई नहीं
सिपाही रूपेंद्र के घर में अब कोई कमाने वाला नहीं है। पिता राजेंद्र बुजुर्ग हैं। उन्होंने बताया कि रुपेंद्र बड़ा था। उसकी शादी वर्ष 2018 में हुई थी। उसका छोटे भाई केशव की एक साल पहले हादसे में मौत हो गई थी। उसका एक बेटा है। अब रुपेंद्र चला गया। उसके दो छोटे बच्चे हैं। परिवार में शोक छाया है।
सिपाही ने बेची थी 84 लाख की जमीन, बची दो बीघा जमीन का भी हो गया था सौदा
परिजनों ने बताया कि सिपाही रुपेंद्र ऑनलाइन गेम के चक्कर में बरबाद हो गया था। उसने 84 लाख रुपये की अपनी जमीन बेची थी। अब भी उस पर लाखों का कर्जा था। बदनामी के कारण आए दिन पत्नी से जान देने की बात भी कहता था। पत्नी कविता के अनुसार वह पिछले तीन साल से काफी परेशान थे। गढ़मुक्तेश्वर में भी एक प्लॉट था, उसे भी उन्होंने सट्टे के चक्कर में बेच दिया था। बुलंदशहर- गढ़मुक्तेश्वर हाईवे पर दो बीघा जमीन बची हुई थी। जिसका हाल में सौदा हुआ था और दो दिन बाद जमीन का बैनामा होना था।