अल्मोड़ा बस हादसे में सोमवार को 36 लोगों की मौत हो गई। मंगलावर को सल्ट के महादेव घाट पर 11 चिताएं एक साथ जलाई गईं। इस दौरान माहौल इतना गमगीन था कि हर कोई एक दूसरे को दिलासा देते-देते खुद ही बिलख पड़ा।
अल्मोड़ा के मरचूला में हुए बस हादसे के जख्म लोगों को और ज्यादा रुला रहे हैं। मंगलवार को कुमाऊं और गढ़वाल के करीब 25 से ज्यादा गांवों में मातम छाया रहा। हर क्षेत्र में बस के हताहतों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया। सल्ट के महादेव घाट पर 11 चिताएं एक साथ जलाई गईं। इस दौरान माहौल इतना गमगीन था कि हर कोई एक दूसरे को दिलासा देते-देते खुद ही बिलख पड़ा। अपने परिजन, करीबी, नाते रिश्तेदार और क्षेत्र के अपनेपन के नाते लोग दिवंगतों को अंतिम विदाई देने के लिए भारी संख्या में पहुंचे थे।
इस दौरान उरेड़ा के ग्राम प्रधान सुरेश उनियाल, बीडीसी सदस्य रोहित रावत, सुभाष मौलेखी, अजनाल चौहान, भरत सिंह रावत, अर्जुन रावत और रोबिन रावत आदि ने कहा कि एक साथ इतनी चिताएं जलती हुई उन्होंने कभी नहीं देखी। यह हादसा अनेक परिवारों पर वज्रपात की तरह गिरा है।
घाट पर इनके शवों का किया गया अंतिम संस्कार
1- दिनेश सिंह ग्राम मंगरोसिरो भैरगखाल
2- दर्शन लाल ग्राम मझेड़ा
3- नीरज ध्यानी ग्राम रुडोली
4- शक्ति कुमार ग्राम राम परसोली
5- आयुष मंदोलिया, ग्राम पातल तल्ला धुमाकोट
6- प्रवीन दत्त ग्राम खेतुवाखल
7- दिव्यांशु बलोदी, ग्राम देवलाड
8- शंका देवी ग्राम उडी मल्ला
9- विशाल सिंह ग्राम जौन्दाली धुमाकोट
10- प्रवीन सिंह, कुलेखखाल केनाथ
11- सलोनी, कुलेखखाल केनाथ