जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
आरक्षित सीट होने से दूरदर्शी और कर्मठ नेताओं का लाभ हरिद्वार नगर निगम निवासियों को नहीं मिल सकेगा। सामान्य वर्ग के कई ऐसे युवा नेता थे जो की हरिद्वार की हर समस्याओं से वाफिक थे, लेकिन अब हरिद्वार की जनता को 5 साल कॉल लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
हरिद्वार ओबीसी सीट होने से हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में कई ऐसे नेता भाजपा वह कॉंग्रेस वह अन्य पार्टियों के जो काफी लंबे समय से अपने संगठन की राजनीति करते आ रहे थे। और पिछले कई समय से नगर निगम हरिद्वार की मेयर पद की दावेदारी में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए अपनी पार्टियों से टिकट मांग रहे थे। ऐसे में हरिद्वार में कुछ चेहरे ऐसे भी थे। वास्तव में जिन्हें जनता का समर्थन प्राप्त था। चाहें वह व्यापार मंडल हों चाहें वो सामाजिक संगठन हों और चाहें वो किसी जाति वर्ग के लोग हो सभी जातियों का समाज का व्यापरियों का सभी लोगों का मानना था कि हरिद्वार में एक नया चेहरा आना चाहिए जिसके पास विज़न हों, जो कि हरिद्वार की समस्याओं को समझते हुए हरिद्वार का विकास कर सकें। हरिद्वार की सिर्फ गली मोहल्ले की राजनीति ही नहीं बल्कि हरिद्वार में चहुंमुखी विकास के साथ साथ नये रोजगारों को जोड़ सके। और हरिद्वार की स्वच्छता को और अधिक रूप से बरकरार रखते हुए हरिद्वार की सांस्कृतिक जो राजधानी कहीं जाने वाली ये धर्मनगरी है। पुरुषोत्तम शर्मा का कहना है कि इसके चौमुखी विकास के लिए अपना योगदान दे सकते हैं। ऐसा ही एक नाम हरिद्वार में काफी लंबे समय से लोगों के जुबान पर था और हर कोई व्यापारी हो चाहें वह सामाजिक संगठन का कोई व्यक्ति हो और चाहे वो कोई अन्य पार्टी का भी व्यक्ति हों हर किसी की जुबान पर था। अगर हरिद्वार से एक नाम ऐसा जो हरजीत सिंह का नाम था कि अगर वो मेयर पद के लिए दावेदार प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी बनाती हैं तो वास्तव में वो भारी मतों से जीत सकते है। ऐसा नाम ऐसा हर किसी की जुबान पर था और उनके उतने ही मधुर सम्बंध अन्य अन्य पार्टियों में थे जिसके कारण अन्य पार्टियों के लोग भी उस बात का समर्थन कर रहे थे और वास्तव में हरजीत सिंह के पास एक ऐसी सोच और उनका जो काम करने का उनका मधुर व्यावहार ईमानदार छवि और जो उनका काम करने का तरीका है। उससे यह लगता भी था हरिद्वार की जनता को हरिद्वार में काफी अच्छा सुधार करते हुए हरिद्वार के व्यापरियों की मांगों को समझते हुए जनता का समर्थन उन्हें मिलेगा। ऐसे में अगर हरिद्वार पुरुष सीट रहती तो हरजीत अगर भाजपा से प्रत्याशी बनते तो वह भारी मतों से हरिद्वार में जीत सकते थे। अनिल कुमार, सुमित अरोड़ा, नीरज कुमार, गगन, विवेक गर्ग आदि का कहना है कि ऐसा हरिद्वार की जनता का मानना है और बड़े बड़े पत्रकार या जो विवेचक है, हरिद्वार के समाजसेवी है उनका कहना है यही मांग सभी व्यापरियों की भी थी।