जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के पूर्व नाथनगर निवासी भाजपा नेता विजयंत चौधरी की आत्महत्या करने की गुत्थी उलझ गई है। पत्नी के द्वारा बताई जा रही कहानी किसी के गले नहीं उतर रही है। क्योंकि न तो पिस्तौल मौके पर नहीं मिली और फायरिंग हुए खोखे। ऐसे में पुलिस हर पहलुओं पर जांच कर रही है। विजयंत चौधरी भेल में संविदा पर कार्यरत थे, उन्होंने हाल में ही मोटी रकम इंवेस्ट की थी।
रविवार को करीब दस बजे भाजपा के पूर्व मंडल उपाध्यक्ष विजयंत चौधरी नववर्ष घर के बाहर मनाना चाहता था। उसने अपनी पत्नी से घर से बाहर जाने को कहा तो पत्नी ने उसे घर से बाहर जाने से रोक दिया। पहले तो करीब पौने घंटे तक उनका आपसी विवाद हुआ। इस दौरान उसने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल निकाल ली। विवाद के दौरान विजयंत ने पहले दो फायरिंग हवा में झोंकी और फिर एक गोली अपनी खोपड़ी में मार ली। बताया जा रहा है कि उसकी पत्नी ने शोर मचा दिया तो आसपास के लोग फायरिंग की आवाज सुनकर उनके घर पर पहुंचे। लेकिन जब तक पुलिस वहां पर पहुंची तो पिस्तौल मौके पर नहीं मिली और न ही खोखे मिले। हालांकि आसपास के लोगों के साथ पुलिस विजयंत को सिटी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे ​मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा है। हालांकि पुलिस के साथ आमजन को मृतक की पत्नी की कहानी गले नहीं उतर रही है। हालांकि पुलिस सभी पहलुओं से जांच कर रही है।

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