ब्यूरो रिपोर्ट

परिवार की अनदेखी से वाराणसी जिले के बच्छाव में बंदर के दौड़ाने से मासूम की मौत के बाद परिजनों के आंखों से आंसू नहीं रुक रहे हैं। पांच साल के मासूम की मौत के बाद बस्ती के लोग भी गमगीन दिखे। यहां मकर संक्रांति का उत्साह तक नहीं दिखा।

हादसा मंगलवार को हुआ। पांच वर्षीय देवांश की दादी सुदामा देवी बिलख रही थीं। उनका बिलखना देख उन्हें ढाढ़स बंधाने वाली महिलाएं भी खुद के आंसू रोक नहीं पा रही थीं। कुछ ऐसे ही बेसुध हाल में देवांश की मां शालिनी भी थी।

रोहनिया थाना क्षेत्र के बच्छाव निवासी मन्नू चौरसिया का पुत्र देवांश सोमवार की शाम अपने घर की छत पर था। छत पर आए बंदर को देखकर देवांश जल्दबाजी में ऐसे भागा कि सीढ़ी से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजन देवांश को निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मासूम देवांश की मौत के बाद परिजनों के आंखों से आंसुओं की धार नहीं रुक रही है।

पिता मन्नू चौरसिया घर आने वालों को चुपचाप एकटक देखे ही जा रहे थे। देवांश का बड़ा भाई पृथ्वी मां, दादी और घर-परिवार की अन्य महिलाओं को रोते हुए देख कर कुछ समझ ही नहीं पा रहा था। वह सबसे यही पूछ रहा था कि सोमवार से उसका छोटा भाई देवांश कहां है? वहीं, देवांश की मौत से बस्ती के लोग भी खासे गमगीन दिखे। किसी के घर में मकर संक्रांति नहीं मनाई गई और न त्योहार का उत्साह दिखा।

एक बंदर है और उससे पूरा गांव परेशान है

गांव के पूर्व प्रधान बचाऊ पटेल, जितेंद्र और विशाल ने बताया कि एक बंदर है जो पूरे गांव में घूमता रहता है। उससे गांव के लोग काफी परेशान रहते हैं। विशाल ने बताया कि दो माह पहले देवांश अपने घर में बैठकर टीवी देख रहा था। उस दौरान भी बंदर उसके पास आ गया था। परिवार के लोगों ने किसी तरह से बंदर को कमरे से बाहर भगाया था। आखिरकार वही बंदर देवांश की मौत का कारण बन गया।

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