बहादराबाद के पास सहारा की भूमि और आम का बागबहादराबाद के पास सहारा की भूमि और आम का बाग

जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। हरिद्वार में भू—माफियाराज का सबसे खतरनाक मामला सामने आया है। माफियाओं ने मिलकर दिल्ली हाईवे पर बहादराबाद के सामने सहारा की 580 बीघा भूमि पर खड़े आम के बाग के पेड़ों को सूखाने के लिए जहरीले पदार्थ का छिड़काव करा दिया है। इससे पेड़ों के पत्ते और बोर सूखना शुरू हो गया है। इस कारनामे के सामने आने के बावजूद जिला प्रशासन के अधिकारी मौन है। सूत्रों की माने तो सभी की जेब भरने का काम और षड़यंत्र पहले ही रचा जा चुका है।

बहादराबाद के पास सहारा की भूमि में आम का बाग के सूखते हुए पेड़

हरिद्वार शहर से करीब 8 किमी की दूरी पर बहादराबाद बाईपास शुरू होने वाले मोड पर सहारा ग्रुप की करीब 580 बीघा भूमि है। सहारा ग्रुप की संपत्ति को ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय के आदेश पर भूमि को बेचा जा सकता है। अब भूमि बेचने की किया प्रक्रिया हुई, इसकी तो जानकारी नहीं हो सकी है, लेकिन भूमि पर कब्जा लेने के लिए कुछ प्रॉपर्टी डीलरों की बात सहारा ग्रुप से बात होने की चर्चा कई दिनों से चल रही है।

बहादराबाद के पास सहारा की भूमि में आम का बाग के सूखते हुए पेड़

अब इस भूमि पर खड़े हरे भरे आम के बाग को काटने की साजिश प्रॉपर्टी डीलरों ने तैयारी शुरू कर दी है। बाग में से कुछ पेड़ भी काटे गए, लेकिन कार्रवाई के डर से प्रॉपर्टी डीलरों ने आम के बाग को सुखाने के लिए पेड़ों पर जहरीले पदार्थ का छिड़काव पूरे बाग में करा दिया गया है। इससे पेडों के पत्ते सूखने लगे हैं और बोर भी सूखकर झड़ने लगा है।

बहादराबाद के पास सहारा की भूमि में आम का बाग

डीलरों के इस कृत्य की खबर पूरे हरिद्वार शहर के साथ बहादराबाद कस्बे एवं आसपास के गांवों में आग की तरह फैली हुई है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी, बागों की सुरक्षा करने वाला विभाग जिला उद्यान विभाग को इसकी भनक तक नहीं है। ऐसे में चंद दिनों में आम के बाग को सफाया करने का भू​—माफियाओं का कारनामा पूरा हो जाएगा।

बहादराबाद के पास सहारा की भूमि में आम का बाग के सूखते हुए पेड़

आम के पेड़ों पर बोर आने पर कोई भी उनकी टहनी या पत्ते तक नहीं तोड़ते। जिला उद्यान विभाग भी ऐसे समय में पेड़ काटने की किसी भी शर्त पर अनुमति नहीं देता, लेकिन चंद रूपयों की कमाई के लालच में हरिद्वार में आम के पेड़ों को सूखाने के लिए जहर डाल दिया गया। जबकि पेड़ों में भी जीवन है और जहर देकर हत्या करने जैसे जघन्य कारनामा भी करने से प्रॉपर्टी डीलर धन की कमाई में सबकुछ भूल बैठे है। वैसे तो एक दिन मरना सभी को ही है। प्रकृति में कोई जीवित नहीं रहा। सजा तो कुदरत देती ही है।