जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। कारोना कार्यकाल से बिगड़ी हरिद्वार के व्यापारियों एवं जुड़े हुए लोगों की स्थिति को कांवड़ यात्रा ने मजबूत कर दिया। 15 दिन की यात्रा में चार करोड़ से अधिक कांवड़ियों का हरिद्वार में आगमन हुआ, जिनके आवागमन से खूब धन वर्षा हुई। एक अनुमान के अनुसार 10 से 12 अरब रुपये का व्यापार कांवड़ यात्रा से हुआ है। इससे पहले चारधाम यात्रा से व्यापारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का काम किया। हालांकि हरिद्वार के व्यापारी हमेशा घड़ियाली आंसू बहाते हुए दिखते हैं, भले ही इनका कारोबार कितना भी चमक जाए।
पिछले दो साल कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के चलते हुए कांवड़ यात्रा स्थगित रही। 2021 हुए कुंभ ने भी निराश किया। व्यापारियों की स्थिति इतनी बिगड़ गई कि होटल या वाहनों के ऋणों की किस्त तक जमा नहीं हो सकी। अन्य खर्चे भी जैसे तैसे सुचारू किए। व्यापार न होने से जुड़े मजदूर एवं छोटे व्यवसायी तो हरिद्वार से कूच कर गए। कोरोना कार्यकाल में जितना भी बड़ा व्यापारी था, उसे उतना ही ज्यादा नुकसान हुआ।
अब मई महीने से चली चारधाम यात्रा से हरिद्वार में व्यापार चलने शुरू हुआ। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े सभी लोगों का काम पटरी पर लौटने लगा। होटल एवं दुकानदारों का काम भी शुरू हो गया। जिन होटलों के गेट बंद हो गए थे, उनमें दोबारा से रौनक लौटने लगी। चारधाम यात्रा से चलना शुरू हुआ व्यापार से उत्साहित व्यापारियों ने कांवड़ यात्रा की तैयारी भी जमकर की।
पुलिस प्रशासन ने पहले ही अनुमान जारी कर दिया था कि इस बार कांवड़ यात्रा में पांच करोड़ यात्री शामिल होंगे। अनुमान के अनुसार कांवड़ियों का जमावड़ा हरिद्वार पहुंचा। करीब 15 दिन की यात्रा में चार करोड़ से अधिक कांवड़िये शामिल हुए।

चार करोड़ से अधिक कांवड़ियों के आवागमन से पंचपुरी के सभी बाजारों में रौनक रही। कांवड़ सजाने के सामानों के साथ अन्य सभी तरह का व्यापार खूब चला। होटल, धर्मशालाओं, गेस्ट हाउसों में तो पिछले तीन महीने से ही फुल बुकिंग रही, लेकिन कांवड़ियों के आने से गलियों भी फुल रही। एक अनुमान के अनुसार कांवड़ यात्रा 10 से 12 अरब का व्यापार दे गई। इससे पूरे पंचपुरी की आर्थिक स्थिति मजबूत हो गई। कांवड़ यात्रा के व्यापार फल—फूलने से अन्य व्यापारियों के व्यापार पर चमक आनी शुरू हो गई है।
