जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
देहरादून। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएँ उत्तराखंड ने सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण उत्तराखंड शासन देहरादून को मेल और डाक द्वारा पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में हर संवर्गो की पदोन्नति हो गई है किंतु कोरोना महामारी में सबसे फ्रंट लाइन वर्कर स्वास्थ्य विभाग के सबसे छोटे तबके के कर्मचारियों के साथ नाइंसाफी होने पर कर्मचारियों ने संघ के माध्यम से सचिव का दरवाजा खटखटाया है और अब न्याय की उम्मीद सचिव और मुख्यमंत्री से ही है।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा, महामन्त्री सुनील अधिकारी, प्रदेश उपाध्यक्ष नेलसन अरोड़ा ने कहा कि माह मार्च2020 से कोरोना महामारी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपने परिवार और अपनी जान की परवाह किए बगैर अपनी ड्यूटी पर बिना कोई अवकाश लिए बिना अपने कार्य पर उपस्थित है, किंतु जब पदोन्नति और अन्य मांगों के लिए कहा जाता है तो कर्मचारियों के लिए कोई भी राहत नहीं है, जबकि अन्य विभाग पशुपालन में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वेक्सीनेटर पद पर पदोन्नति दे दी गई है, उद्यान विभाग में माली संवर्ग को टेक्निकल घोषित कर उद्यान सहायक बना दिया गया है, जबकि हमारे पद टेक्निकल होते हुए भी न तो टेक्निकल और ना ही पदोन्नति हुई है जो कि कर्मचारियों के लिए बहुत ही निराशाजनक है जबकि कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए कोई भी वित्तीय व्ययभार भी नहीं होगा और उन पदों पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्य कर रहे हैं किंतु कर्मियो की कोई सुनने वाला नहीं है।
प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश पंत प्रवक्ता शिवनारायण सिंह ऑडिटर महेश कुमार ने कहा कि लेब सहायक, डार्करूम सहायक, ओटी सहायक, ड्रेसर का कार्य कर्मचारी कर रहे हैं। पदोन्नति देने मे कोई बाधा नहीं होनी चाहिए किन्तु परेशान किया जा रहा है। आयुर्वेद होम्योपैथी में भी कई वर्षों से पदोन्नति नही हुई है। नर्सिंग की भांति पोष्टिक आहार भत्ता, एक माह का मानदेय, जोखिम भत्ता कर्मियों की न्यायोचित मांगें हैं अगर जल्द ही न्याय नही मिला तो मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांगों से अवगत कराएंगे अपनी व्यथा बताएंगे। आशा है कि मुख्यमंत्री हमारी व्यथा को सुनकर हमारी पदोन्नति के लिए आदेशित करेंगे।