जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार में विगत अनेक दिनों से आद्यगुरु शंकराचार्य द्वारा कर्नाटक के श्रृंगेरी में संस्थापित शारद पीठ के हरिद्वार में कुंभ मेले में आए श्रद्धालुओं ने विगत अनेक दिनों से छात्रों को सौंदर्यलहरी के पाठ का प्रशिक्षण दिया। महाविद्यालय के सभी छात्रों ने श्रद्धापूर्वक सौंदर्यलहरी के प्रशिक्षण में भाग लिया।
शुक्रवार को इस प्रशिक्षण का संपूर्ति सत्र महाविद्यालय में आयोजित किया गया।आदिगुरु शंकराचार्य जी द्वारा वैदिक सनातन धर्म को संरक्षित करने हेतु देश के चारों कोणों में चार मठों की स्थापना की गई। उनमें से एक मठ दक्षिण भारत के कर्नाटक के श्रृंगेरी नगर में स्थित है। वर्तमान में वहां शंकराचार्य पूज्य पाद स्वामी भारती तीर्थ जी है। उनके प्रशिष्य ब्रह्मानंद भारती जी आज महाविद्यालय में सौंदर्य लहरी के प्रशिक्षण के समापन अवसर पर उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि सौंदर्यलहरी आदिगुरु शंकराचार्य का अनुपम ग्रंथ है। इसमें शक्ति की आराधना का विशिष्ट वर्णन है। यदि व्यक्ति चतुर्वर्ग की प्राप्ति चाहता है तो उसे सौंदर्यलहरी का अध्ययन करना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को कहा कि हमें सनातन धर्म की रक्षा के लिए आदि गुरु शंकराचार्य जी की शिक्षाओं को सर्वत्र प्रसारित करना चाहिए। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ निरंजन मिश्र ने स्वामी ब्रह्मानंद भारती का माल्यार्पण कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर डॉ. बीके सिंह देव, डॉ रविंद्र कुमार, डॉ आशिमा श्रवण, डॉ मंजू पटेल, डॉ. दीपक कोठारी, डॉ आलोक सेमवाल, गौरव अस्वाल मनोज कुमार, नरेश कुमार आदि उपस्थित थें।
