जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
देहरादून। सितारगंज चीनी मिल के पुनः संचालन हेतू निविदाएं आमंत्रित की गई है। इससे आगामी सत्र में सितारगंज चीनी मिल में पेराई शुरू हो सकेगी। पिछले चार वर्षों से यह चीनी मिल बन्द पड़ी थी।
गन्ना मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने बताया कि खटीमा, नानकमत्ता और सितारगंज के किसानों की विगत काफी समय से चली आ रही मांग को ध्यान में रखते हुए सितारगंज चीनी मिल को पीपीपी मोड़ पर चलाया जाएगा। इसके शुरू होने से गन्ना किसानों को लाभ होगा साथ ही स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार भी मिलेगा। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का हार्दिक आभार एवं धन्यवाद और क्षेत्र की जनता को बधाई।
सितारगंज चीनी मिल को पीपीपी मोड़ पर शुरू कराने के लिए गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के त्वरित फैंसले लेनी की कार्यशैली से ही यह सम्भव हुआ है कि बहुत कम समय मे प्रक्रिया पूर्ण हो पाई है।
लगातार घाटे के चलते 2017 में सितारगंज चीनी मिल बन्द हो गयी थी। जिस कारण किसानों का क्षेत्र में गन्ने से मोह भंग हो गया था। इससे क्षेत्र में गन्ने की पैदावार काफी कम हो गयी थी। लेकिन अब सितारगंज चीनी मिल को प्राइवेट पार्टनरशिप प्रोग्राम के तहत पुनः शुरू कराये जाने की प्रक्रिया शुरू होने से किसानों में खुशी की लहर दौड़ गयी है।
इससे पूर्व गन्ना मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने गन्ना किसानों के हित में कई अहम फैंसले लिए है। जिससे गन्ना किसानों का तीरथ सरकार पर भरोसा बढ़ा है। पेराई सत्र समाप्त होते ही सरकारी चीनी मिलों का एकमुश्त पूर्ण भुगतान करना स्वामी की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। साथ ही गन्ना समितियों में नकद खाद व कीटनाशक की बिक्री शुरू कराना भी किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है।


हमारी सरकार किसानों को आर्थिक सुदृढ बनाने के लिए कार्य कर रही है। इसके लिए गन्ने की फसल बड़ा विकल्प है। सितारगंज चीनी मिल के शुरू होने से गन्ने की पैदावार बढ़ेगी, जो किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी कारगर साबित होगी। उन्होंने ख़ुशी जताई कि अगले पेराई सत्र में मिल पेराई करेगी।