जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। समाजसेवा का हरिद्वार का सुप्रसिद्ध चेहरा भूपेन्द्र कुमार कोरोना मृतकों एवं अज्ञात शवों का अपने ख़र्चे से विधि विधान से अंतिम संस्कार करवा रहे हैं। ब्रहस्पतिवार को करंट से मरी गाय का अंतिम संस्कार भी भूपेन्द्र ने कराया। इसी के साथ पिछले एक साल से लगातार जनसेवा में लगे हुए हैं। कुंभ में भी उन्होंने पानी की समुचित व्यवस्था कराई। उनकी ख्याति से परेशान अपने को गणमान्य मानने वाले सराहना तक नहीं करते, लेकिन वे निरंतर अपने जनसेवा के कार्यों को कर रहे हैं।
हरिद्वार के कनखल क्षेत्र के बंगाली अस्पताल क्षेत्र के निवासी भूपेन्द्र कुमार किसी के परिचय के मोहताज नहीं हैं। समाजसेवा तो वे कई सालों से लगातार कर रहे हैं, लेकिन कोरोना कार्यकाल में जानजोखिम डालकर मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार कराने पर वे चर्चाओं में आ गए हैं। हालाँकि वे निर्धन परिवारों के लोगों के शवों के लिए लकड़ी से लेकर अन्य सामग्री निशुल्क उपलब्ध करा रहे थे, लेकिन जब कोरोना जैसी महामारी में वे संक्रमित शव का अंतिम संस्कार करने के लिए कोई परिवार का सदस्य साथ नहीं आया तो कनखल शमशान में पहुँचकर उन्होंने शव का विधि विधान से अंतिम संस्कार कराया तो लोगों ने उनके साहस की सराहना की। इसके बाद तो अज्ञात शव हो या किसी निर्धन का वे उसका अंतिम संस्कार कराने के लिए निरंतर लगे रहे।
भूपेन्द्र कुमार ने एक दिन तो चार अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार कराया। अभी तक वे कोरोना कार्यकाल में 15 शवों का अंतिम संस्कार करा चुके हैं। इसी के साथ जानवरों के भी शवों का अंतिम संस्कार करा रहे हैं। वे पांच साल से इस कार्य को कर रहे हैं। ब्रहस्पतिवार को सुबह 6 बजे रविदास बस्ती कनखल में एक गर्भवती गाय की करंट लगने से मृत्यु हो गई थी।

भूपेन्द्र कुमार ने बताया कि जानकारी मिलते ही गौ माता का संस्कार किया गया। उन्होंने कहा कि सभी जानवर पालने वालों से निवेदन करता हूँ कि अपने अपने जानवरो को खुला ना छोड़े। दूध निकालने के बाद उन्हें बाहर न छोड़े और जो भी व्यक्ति ऐसा करते है उन पर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए।