जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। विश्व हिंदू परिषद द्वारा युवा संत चिंतन संगोष्ठी का आयोजन श्री कृष्ण कृपा धाम भीमगोड़ा हरिद्वार में किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने कहा कि युवा संत ही आगे चलकर सत्य सनातन वैदिक धर्म को एक नई दिशा प्रशस्त कर सकते हैं। इस युवा संत चिंतन संगोष्ठी में सभी युवा संतो के विचार सराहनीय एवं प्रशंसनीय है।
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चंद्र ने विश्व हिंदू परिषद की कार्यशैली के विषय पर सरगर्मित प्रकाश डाला। कार्यक्रम का सफल संचालन केंद्रीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने किया।
संगोष्ठी में हरिद्वार वैष्णव मंडल के अध्यक्ष श्री पंच रामानंदी दिगंबर अनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत विष्णु दास जी ने कहा कि युवा संत भारतीय संस्कृति के प्रतिक तथा समाज के मार्गदर्शक हैं जो अपनी कर्मठता एवं कार्यदक्षता के आधार पर संस्कारों का प्रचार प्रसार कर राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं। गरीबदासी सेवाश्रम के अध्यक्ष आचार्य हरिहरानंद शास्त्री व युवा भारत साधु समाज के राष्ट्रीय महामंत्री महंत रविदेव शास्त्री ने संयुक्त रूप से कहा कि सत्य सनातन धर्म का हमें समुपासक होना चाहिए तभी राष्ट्रीय भावना का उन्नयन हो सकता है। सतपंती परंपरा के उपासक महामंडलेश्वर स्वामी जनार्दन हरीजी ने कहा कि युवा संतो को समाजसेवा के कार्यों में बढ़-चढ़कर आगे आना चाहिए श्री कृष्ण कृपा धाम के पर माध्यम से गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद के माध्यम से युवा संत चिंतन एक विशिष्ट उपलब्धि है। इस प्रकार संपूर्ण देश में युवा संतो की चिंतन संगोष्ठी का आयोजन समय-समय पर करना चाहिए ताकि हमारी युवा पीढ़ी प्रेरणा प्राप्त कर सकें। प्रयागराज स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर के महंत स्वामी आनंद गिरी ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद द्वारा जो कार्य किए जाते हैं वह सराहनीय है। मैसूर मठ के शंकराचार्य स्वामी शंकरभारती जी ने सभी युवा संतों का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम संयोजक प्रांत धर्माचार्य संपर्क प्रमुख राकेश बजरंगी व जिला धर्माचार्य संपर्क प्रमुख मयंक चौहान ने संयुक्त रूप से गोष्टी में पधारे पूज्य संत महानुभावों का स्वागत एवम् अभिनंदन किया।


इस अवसर पर कार्यक्रम में राजस्थान से पधारे स्वामी अभय दास, घनश्याम बापूजी, आचार्य रामचंद्र दास, महंत दिनेश दास, महंत लोकेश दास, महंत प्रेमदास, स्वामी विज्यानंद, स्वामी अखंडानंद, संजीव कृष्ण ठाकुर, स्वामी प्रणव चैतन्य, महंत राममुनि, डॉ राधागिरी, डॉ साधना आनंद, साध्वी अमिता भारती, स्वामी अखंडानंद आदि संत महानुभाव उपस्थित रहे ।
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री हरिशंकर, क्षेत्रीय संगठन मंत्री मनोज वर्मा, क्षेत्र सामाजिक समरसता प्रमुख वीरेंद्र, प्रांत उपाध्यक्ष प्रदीप मिश्रा, प्रांत सह संगठन मंत्री अजय, भारतीय संस्कृत परिषद चित्तौड़ प्रांत प्रमुख विष्णु गौतम आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।