जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद मठ और अखाड़ों में चढ़ावे के धन को किस कदर लुटाकर ऐसो आराम का जीवन जीने वाले कथित सेवादारों के नित नए कारनामे सामने आ रहे हैं। इन सेवादारों ने सनातन धर्म को भी बदनाम करने का काम किया है। क्योंकि मठ मंदिरों में आस्थावान लोग चढ़ावा चढ़ाते हैं, लेकिन वे कभी ये नहीं देखते उस धन का पुजारियों या संतों ने किस उपयोग में किया। इन आश्रमों के संचालकों ने अखाड़ों एवं आश्रमों की बेशकीमती भूमि को भी ठिकाने लगाने का काम निरंतर रखा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के गनर एवं सेवादार अभिषेक मिश्रा का नाम पुलिस कस्टडी में छोटे महंत आलोक गिरि ने लिया है। महंत आलोक गिरि ने अभिषेक मिश्रा को मृत्यु में संदिग्ध बताया है। जांच में सामने आया है कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर के एक गांव बिशनपुर का निवासी अभिषेक मिश्रा के पिता पशुओं के आहार बेचता है। लेकिन श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के गनर बनने के बाद उसने करीब 80 करोड़ रुपये की संपत्ति एकत्रित कर ली है। अभिषेक मिश्रा का गांव का नाम अंकुश मिश्रा है। उसने गांव में कई करोड़ रुपये की कीमत की शानदार कोठी बनाई है। उसके पास कई लग्जरी गाड़ी है। अकूत धन जमा होने पर उसकी गांव के कई लोगों से भी रंजिश हो गई है। हाल ही में अभिषेक की शादी हुई तो उसमें लेटे हनुमान मठ के अश्लील डांस पर लाखों रूपये लुटाए गए थे। मामूली गनर कैसे करोड़पति होकर अरबपति होने जा रहा था।

अब सवाल उठता है कि माथे पर टीका, कलाई पर रक्षा, हाथ में हथियार, क्या निशाने पर श्रीमहंत नरेंद्र गिरि थे। हालांकि मामले में अब सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। उम्मीद जताई जा रही है कि पूरा मामला समाज के सामने आ जाएगा।