संजय चौधरी, ब्यूरो
हरिद्वार। वन गुर्जर क्षेत्र की आबादी में सड़क के उद्घाटन के दौरान भाजपा के विधायक स्वामी यतीश्वरानंद का स्वागत बड़ी संख्या में एकत्रित हुए वन गुर्जरों ने किया। वन गुर्जरों ने कहा कि भाजपा की राज्य सरकार और विधायक स्वामी यतीश्वरानंद वन गुर्जरों की बस्तियों के साथ विकास की योजनाओं से उनका विकास करा रहे हैं। स्वागत से उत्साहित विधायक यतीश्वरानंद ने कहा कि सभी क्षेत्रों में एक समान विकास कार्य होंगे।
रविवार को कार्बेट टाइगर रिजर्व कि कालागढ डिवीजन से विस्थापित गुज्जर बस्ती गैंडीखाता के मुख्य मार्ग का उद्घाटन हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने किया। इस अवसर पर विस्थापित वन गुर्जरों परिवारों ने विधायक स्वामी यतीश्वरान्द का जोरदार तरीके से स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान कालागढ़ सोननदी विस्थापन ईको विकास समिति के अध्यक्ष शमशेर चेची एवं वन गुज्जर अधिकार मंच के अध्यक्ष सफी लोधा ने कालागढ़ डिवीजन से विस्थापित 157 वन गुज्जर परिवारों की समस्याओं पर अपने विचार रखते हुए कहा कि विस्थापित परिवारों में से लगभग 50 परिवार ऐसे हैं जिनके घरों में अभी तक बिजली की व्यवस्था नहीं है। लगभग 70 परिवार ऐसे हैं जिनके घरों में अभी तक शौचालय नहीं है। 156 परिवारों के पशुओं के लिए कैटलशेड नहीं बन पाए व विस्थापित बस्ती में अभी कुछ लिंक रोड बननी है। स्कूल के लिए बने नवनिर्मित भवन में आज तक अध्यापक की व्यवस्था नहीं हुई तथा 157 विस्थापित परिवारों को वन विभाग की ओर से अभी तक कब्जा प्रमाण पत्र नहीं मिला है। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक स्वामी यतीश्वरानन्द ने वन गुज्जर परिवारों को विश्वास दिलाया कि की प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र ही सभी समस्याओं का समाधान करवाने का प्रयास किया जाएगा तथा विधायक होने के नाते आप लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा मैं आपके साथ खड़ा हूं। किसी भी व्यक्ति को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस विस्थापित बस्ती की जो भी समस्या है उनके समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों से वार्ता करके समाधान करवाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। भाजपा नेता शफी लोढ़ा ने कहा कि भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार ने वन गुर्जरों के लिए अनेकों काम किए हैं। उन्होंने समस्याओं पर काम कराने के लिए मांग उठाई।

यह वन गुर्जर रहे कार्यक्रम में मौजूद
इस अवसर पर वन क्षेत्राधिकारी अजय ध्यानी, भाजपा नेता बृजमोहन पोखरियाल, नूर आलम चेची, शमशेर उर्फ नानी भडाना, मौ सफी, इल्मदीन चेची, हाजी शेर अली, हुसैन अली, आजाद चेची, गामी खटाना, शमशाद बानिया, मन्ना लोधा, गाम चाड, आजाद कसाना सहित सैकड़ों विस्थापित परिवार शामिल हुए।