जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। बाल मंदिर सी से स्कूल हरिद्वार में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2021 मनाया गया। कार्यक्रम में गुरुकुल कांगड़ी विश्व विद्यालय के प्रोफेसर डा पीपी पाठक ने आज के बच्चों को भविष्य का वैज्ञानिक बताते हुए स्वदेशी अनुसंधान करने की आवश्यकता बताई। मुख्य अतिथि संतोष कुमार चमोला ने विज्ञान दिवस मनाने के संबंध में बताया कि इसी दिन 28 फरवरी 1928 को सीवी रमन ने रमन प्रभाव की खोज की थी। विज्ञान दिवस पर आज “विज्ञान, तकनीक और नवाचार का शिक्षा, कौशल और कार्य पर भविष्य में प्रभाव ” पर कला प्रतियोगिता, सेमिनार और विज्ञान क्विज प्रतियोगिता आयोजित किये गये। जिनमें कला प्रतियोगिता सीनियर वर्ग में विद्या मंदिर सेक्टर 5 के विजय राजपूत प्रथम, आनंदमई सेवा सदन की ममता कुमारी द्वितीय, और बाल मंदिर की पुष्पांजलि कश्यप तृतीय स्थान पर रही।
जूनियर वर्ग में बाल मंदिर की अनी कुमारी प्रथम, विद्या मंदिर सेक्टर 5 की अपर्णा झा द्वितीय, बीपीएल मुंजाल की राखी सेमवाल तृतीय स्थान पर रहीं। विज्ञान क्विज के सीनियर वर्ग में बाल मंदिर की अंशिका प्रथम, मुंजाल स्कूल के हर्ष द्वितीय और बाल मंदिर के निखिल गुप्ता तृतीय रहे। जबकि जूनियर वर्ग में मुंजाल विद्यालय के प्रणव प्रथम इसी स्कूल के मयंन गौड द्वितीय, विद्या मंदिर के वंश तृतीय रहे। विज्ञान पर सेमिनार में मुंजाल स्कूल के ओजस प्रथम बाल मंदिर के अभिषेक द्वितीय और मुंजाल स्कूल के कार्तिक सिंह तृतीय रहे। इनके अतिरिक्त राजकीय इंटर कॉलेज रुड़की, आनंदमई सेवा सदन सहित जनपद के अनेक विद्यालयों ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन जनपद के समन्वयक सुभाष चंद शर्मा ने किया। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम यूकोस्ट देहरादून के तत्वाधान में राज्य शिक्षा विभाग के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। विज्ञान दिवस 28 फरवरी को आयोजित किया जाता है उस दिन रविवार होने के कारण आज 1 मार्च को इसका आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य बृजपाल सिंह ने की और उन्होने विजेता बच्चों को ट्राफी और मेडल प्रदान किए। इस अवसर पर यूनिसेट के सौजन्य से एक रिफ्लेक्टिंग टेलिस्कोप लगाया गया। इस आधुनिक टेलीस्कोप के जरिए बच्चों ने दूर स्थित पिडो को देखने और समझने का कार्य किया।
कार्यक्रम में जनपदीय सह समन्वयक सुरेश चंद महासचिव उमेश बहुगुणा , स्नेह लता, रेखा ओपी सिंह, एबी जोशी, संगीता चौहान, किरण गुप्ता, स्वर्ण लता आचार्य योगेश, राजीव सिंह, सुखबीर सिंह आदि का विशेष योगदान रहा। निर्णायक का कार्य राज कुमार, राजेन्द्र शर्मा, जय ओम गुप्ता, अनिल चौधरी, संदीप गोयल, पी के वर्मा, स्वदेश सीसोदिया, अब्दुल रहमान, प्रेरणा शर्मा ने किया।