जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। मुस्लिमों को खुश करने के लिए हिंदुओं के विश्व प्रसिदृध त्यौहार पर भी नवनिर्वाचित विधायक अनुपमा रावत अपने विधानसभा क्षेत्र में नहीं पहुंची। इसी के साथ मुस्लिम समाज के वोटों से जीत के दावों को भी खारिज करने से मुस्लिम समाज के मतदाताओं की भावना आहत हो रही है। क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर मुस्लिम समाज के नेता और हित में काम करने की भावना को देखते हुए पर्वतीय क्षेत्र के लोगों ने सत्ता भाजपा के हवाले ही कर दी है, तो क्षेत्रों में विकास न होने की बातों को देखते हुए भी विशेष वर्ग के लोग परेशान हैं, क्योंकि उन्होंने 98 प्रतिशत मतदान कांग्रेस प्रत्याशी को किया।
हरिद्वार ग्रामीण सीट से भाजपा के दो बार के विधायक प्रत्याशी कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के सामने कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पुत्री अनुपमा रावत मैदान में उतरी। विकास कार्यों की दृष्टि से माहौल स्वामी यतीश्वरानंद के प्रति एकतरफा था। चुनाव मैदान में कोई भी प्रत्याशी उनके सामने टिकता नजर नहीं आ रहा था। क्योंकि स्वामी यतीश्वरानंद ने कभी भी जाति या धर्म के आधार पर क्षेत्र का विकास नहीं किया, बल्कि जिस क्षेत्र की जो भी समस्या सामने आती थी उसका एकदम निस्तारण कराते थे। सड़कें, बिजली, पानी के साथ मूलभूत समस्याओं को भी उन्होंने सभी गांवों में उपलब्ध कराने का काम किया। इब्राहिमपुर, सराय, वन गुर्जरों की बस्तियों में पानी की टंकी के साथ सभी काम प्राथमिकता से कराएं, लेकिन मतदान के दिन मुस्लिम समुदाय एकजुट होकर कांग्रेस प्रत्याशी के साथ खड़ा हो गया। भाजपा प्रत्याशी को गिनती के दिन मुस्लिम समुदाय ने बड़ा झटका दिया। हालांकि अनुसूचित जाति का वोट दोनों ही प्रत्याशियों को मिला, अधिक वोट कांग्रेस को दिया।
लेकिन अब कांग्रेस की प्रत्याशी अनुपमा रावत विधायक बन चुकी है तो मुस्लिम समाज ने अपनी वोटों से जिताने का दावा भी ठोंक दिया, लेकिन अनुपमा रावत इस दावें को खारिज कर चुकी है। इससे मुस्लिम समाज की भावना आहत हुई है। मुस्लिम समाज के बड़े नेता भी अनुपमा रावत के बयान से आहत भी है और आक्रोशित है। वे कहते हैं कि सत्ता भाजपा की आ गई तो ऐसे में कांग्रेस की विधायक को उनके अधर में छोड़ने से उनका मनोबल गिरा है।
लेकिन इसका दूसरा कारण ये भी रहा है कि कांग्रेस की विधायक होली पर क्षेत्र में नहीं आई। लोगों का मानना है कि मुस्लिमों वोटरों को खुश रखने के लिए वह नहीं आई। लेकिन मुस्लिम समाज के लोगों को पता है कि ईद के दिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और अनुपमा रावत दोनों ही हरिद्वार आएंगे।
झगड़े की सूचना पर भी नहीं आई अनुपमा रावत
हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र के लालढांग में मुस्लिम समाज एवं पर्वतीय निवासियों और जियापोता गांव में कांग्रेस समर्थित दबंग नेताओं ने पर्वतीय निवासियों के बीच मारपीट हो गई। कांगेस के नेताओं ने विधायक अनुपमा रावत को बुलाने के लिए फोन किए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत तक को फोन किए, लेकिन कोई भी उनकी सुध लेने के लिए नहीं पहुंच सके। ऐसे में लोगों की भावना आहत होने लगी है।
