जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। सरकारी नियंत्रण से मठ मंदिरों से हटाए जाने और देवस्थानम बोर्ड निरस्त करने की सरकार से बजरंग दल के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने की। उन्होंने सरकार ने ऐसे कानून बनाने की मांग उठाई जो कि आस्था और भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई हो सके।
मंगलवार को बजरंग दल के विभाग संयोजक नवीन तेश्वर के नेतृत्व में सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर कार्यकर्ता एकत्रित हुए। नवीन तेश्वर ने कहा कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हिंदू धर्म की आस्था पर ठेस पहुंचाने वाले करोड़ों लोगों की भावनाओं को झकझोर करने वाले कानूनों का विरोध किया। आपको बता दें सरकार ने उत्तराखंड के मंदिरों को अपने नियंत्रण में कर रखा है और देवस्थान बोर्ड बनाकर सरकार मठ मंदिरों को अपने कब्जे में रखना चाहती है, लेकिन सरकार ने ऐसे कानून बनाकर हिंदुओं की आस्था व भावनाओं पर ठेस पहुंचाने का कार्य किया है। ऐसे कानूनों का बजरंग दल विरोध करता है व अति शीघ्र ऐसे कानूनों को रद्द करने मांग करता है।


इस दौरान बजरंग दल के पदाधिकारियों ने हरिद्वार सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रषित किया। बजरंग दल के विभाग संयोजक नवीन तेश्वर ने कहा कि मठ मंदिरों को सरकार अपनी संपत्ति न बनाएं। मठ मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र होते हैं और सरकार ने अपने अधीन करके लोगों की आस्था भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कार्य कर रही है। सरकार से मांग की गई कि उत्तराखंड के सभी मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त रखा जाए। मठ मंदिरों से सरकार पूरी तरह अपने कब्जे हटाए और 2019 में बनाये गए देवस्थानम बोर्ड को सरकार से रद्द करने की मांग की गई।
बजरंग दल के ये पदाधिकारी हुए शामिलए
विभाग संयोजक नवीन तेश्वर, जिला संयोजक जिवेन्द्र तोमर, अमित मुलतानिया, रोहित शास्त्री, सतीश शर्मा, कमल उनियाल, प्रखंड अध्यक्ष कपिल विश्नोई, प्रखंड सह संयोजक साजन बजरंगी, कार्तिक दिवाकर, भोला सैनी, गगनदीप, इक्का सिंह, साजन, अक्षय शर्मा सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।