जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। भेल मजदूर कल्याण परिषद-इंटक भेल के पदाधिकारियों ने मजदूरों की आवाज उठाकर उन्हें न्याय दिलाने को आह्वान किया। उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकारों को पूंजीपतियों की सरकार बताते हुए कहा कि मजदूरों को इतना शोषण कभी नहीं हुआ, लेकिन अब इंटक उनका शोषण नहीं करने दिया जाएगा। सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित करते हुए मजदूरों की शोषण की आवाज उठाई।
भेल मजदूर कल्याण परिषद-इंटक भेल रानीपुर के कार्यालय पर संपन्न हुए एक दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन में उपस्थित सैकड़ों मजदूर कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे श्रम कानूनों में परिवर्तन, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों विशेषतः भेल के निजीकरण के प्रयासों की भर्त्सना करते हुए इनके विरुद्ध संघर्ष का आह्वान किया। कायर्क्रम आयोजक इंटक के प्रदेश उपाध्यक्ष व अखिल भारतीय भेल इंटक फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री राजबीर सिंह चौहान ने केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे श्रम कानूनों में परिवर्तन व भेल जैसे सार्वजनिक संस्थान के निजीकरण के प्रयासों के परिणामस्वरूप कर्मचारियों पर पड़ने वाले दुष्परिणाम पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित मजदूरों साथियो को संबोधित करते हुए कहा कि आज सरकार की नीतियां किसान ओर मजदूर वर्ग के खिलाफ है। अगर हमने डट कर इनका मुकाबला नही किया तो वर्षो की मेहनत ओर कुर्बानियों की बदौलत मिले अधिकारों की बलि चढ़ जाएगी। आज मजदूर ओर किसान वर्ग को अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़नी है। सत्यम कम्पनी के आंदोलनरत मजदूर साथियो की मांगों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि इंटक लगातार इन साथियो के साथ उनके आंदोलन में सहभागिता कर रहा है। आज भी प्रदेश अध्यक्ष के साथ इंटक संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल उन साथियो के समर्थन में उनके धरना स्थल पर गया, लेकिन इस मजदूर विरोधी सरकार ने पुलिस प्रशासन के दम पर धरना स्थल पर जाने से हमें रोका गया। ये प्रदेश सरकार ओर उसके नुमाइंदे विधायक यदि ये सोचते है कि उधोगपतियों की जी हुजूरी कर मजदूरों का दमन कर लेंगे तो ये उनकी भूल है। उन्होंने कहा कि अगर हम न चेते तो पीढ़ियों के गुनाहगार कहलाएंगे। इसलिए आज मजदूर वर्ग को अपने अधिकारों को बचाने के लिए सड़कों पर आने से भी परहेज नही करना चाहिये।
मुख्य अतिथि इंटक के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व काबीना मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने इंटक संगठन की कार्यनीति व उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संगठन अपने उदभव कॉल से ही मजदूर वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करता आ रहा है। इंटक आज 3.40 करोड़ सदस्य संख्या के साथ देश का सबसे बड़ा मजदूर संगठन है जो अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जी.संजीवा रेड्डी के नेतृत्व में पूरे देश में मजदूर हितों के लिए लड़ रहा है। सरकार की किसान, मजदूर विरोधी नीतियों पर बात करते हुए उन्होंने इंटक कार्यकर्ताओ से इसके विरुद्ध संघर्ष का आह्वान किया। सम्मेलन में एक सात सूत्रीय मांग पत्र पारित कर उसे महामहिम राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापित किया गया।
सभा को इंटक प्रदेश महासचिव एपी अमोली, प्रदेश यूथ इंटक अध्यक्ष संग्राम सिंह पुंडीर, इंटक जिला जिलाध्यक्ष भगत सिंह, यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रवि बहादुर, अमरदीप रोशन, तेलूराम प्रधान, रुड़की रोडवेज से जगदीश बहुगुणा ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम में पूर्व जिला पंचायत सदस्य रोशनलाल, सुकर्म पाल, मुकेश कुमार, सचिन चौहान, दीपचंद, मंजूर खान, श्याम कुमार शर्मा, अश्विनी चौहान, अमित चौहान, मनोज यादव, संजय बिष्ट, रविन्द्र चौहान, मुकेश शर्मा, राजेश बिष्ट, रितेश गौर, पंकज कुमार, मुकेश कुमार, संदीप चौहान, विनोद चौहान, रेशु चौहान, आशुतोष, इफ्तेखार अहसन, सुनील कुमार गुप्ता, संजय चौहान, विजय धीमान, श्रवण चौहान, सुनील कुमार, कृष्णपाल, अजय दीक्षित, आलोक साह, मनीष नामदेव, राजीव सैनी, संजय शर्मा आदि उपस्थित रहे।