जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। राष्ट्रपति पुरस्कृत प्रो वेदप्रकाश उपाध्याय, पूर्व विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग, चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय ने श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, हरिद्वार की प्रबन्धसमिति के अध्यक्ष पद का कार्यभार विधिवत् ग्रहण कर लिया है। प्रो- वेदप्रकाश उपाध्याय वेद, उपनिषद्, दर्शन एवं संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान् है। उनकी पुस्तकें संस्कृत जगत में अत्यन्त विख्यात है। जिनमें हिन्दू विधि एवं स्रोत, ट्टग्वेद सूक्त संग्रह, वैदिक सूक्त संग्रह, वैदिक साहित्य में दर्शपूर्णमासेष्टि, वैदिक साहित्य विवेचन आदि प्रमुख हैं। आप पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ में यू-जी-सी- के इमेरिट फैलो रहे हैं। आप के निर्देशन में 60 छात्रें ने विविध विषयों को लेकर पी-एच-डी- व 70 छात्रें ने एम-फिल- उपाधि प्राप्त की है। आप सेन्टर फॉर एडवांस स्टडी, ढाका बांग्लादेश के चैयरमेन रहे हैं। आप यू-एस-ए- आदि अनेक देशों में अनेक संस्थाओं के नामित सदस्य रहे हैं। आप अनेक विश्वविद्यालयों की एक्ज्युकिटिव कॉउनसिल के सम्मानित सदस्य रहें। आप की ऑल इण्डिया रेडिओ के माध्यम से अनेकों बार संस्कृत विषयक वार्ताएॅ प्रसारित होती रही। प्रो- उपाध्याय वर्तमान में हरियाणा सरकार में अनेक समितिओं में सलाहकार के रूप में मनोनीत हैं। इससे पूर्व भी आदर्श महाविद्यालय जांगला (हिमाचल प्रदेश) के आप चेयरमेन रह चुके हैं।
प्रो- सत्यदेव निगमालंकार अध्यक्ष श्रद्धानन्द वैदिक शोधसंस्थान गुरुकुल कॉगड़ी विश्वविद्यालय को महाविद्यालय की प्रबन्धसमिति के अध्यक्ष पद पर केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नईदिल्ली के माननीय कुलपति महोदय ने दिनांक 20 नवम्बर 2020 को नियुक्त किया था। हरिद्वार की प्रतिष्ठित संस्थाओं एवं शिक्षाविदों के द्वारा उनके महाविद्यालय के विरुद्ध किये गये कार्यों का निरन्तर विरोध किया जा रहा था। जिसके चलते केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नईदिल्ली में इनके विरुद्ध शिकायतों का ढेर लग गया था। जिसके कारण तीन माह के संक्षिप्त कार्यकाल के पश्चात् ही प्रो- सत्यदेव निगमालंकार को तुरन्त हटाया गया। नए अध्यक्ष का समस्त स्टाफ़ ने फ़ूल मालाएँ पहनाकर स्वागत किया। साथ ही पूरी शेक्षिक गतिविधियों से अवगत कराया।
