जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ राम प्रकाश वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी एसके सोनी ने कहा कि पूरे विश्व में 29 अक्टूबर को स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है सामान्य भाषा में इसे क्षाघात, पैरालाइसिस, के नाम से भी जानते हैं। इस बीमारी में मस्तिष्क में रक्त के संचार प्रभवित होती है, जिस कारण स्ट्रोक होता है। इसके मुख्य कारण उच्च रक्तचाप, डाइबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, दिल की बीमारियां, तनाव इत्यादि कारणों से स्ट्रोक की संभावना होती है।
वर्ल्ड स्ट्रोक दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय हरिद्वार में गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता डॉ सीपी त्रिपाठी ने की और संचालन दिनेश लखेड़ा ने किया। वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ शशिकांत ने कहा कि स्ट्रोक बच्चों में भी होता है जो बच्चे जन्म से दिल की बीमारी से ग्रस्त हो या जन्म से खून की बीमारी हो या संक्रमण हो इससे भी स्ट्रोक आने की संभावना होती है और बच्चों के मुंह का टेढ़ापन, हाथों और पैरों में सुन्न यह स्ट्रोक से पहले की निशानी है जो बड़ो में भी इसी तरह पाई जाती है।
डॉ सीपी त्रिपाठी प्रमुख अधीक्षक ने कहा कि हम सभी को स्वास्थ्य विभाग में होने के कारण अपने आस पास के लोगों को भी इस स्ट्रोक के बारे में सचेत करना चाहिए और उनको रोजमर्रा के सही खानपान, दिनचर्या, समय से चेकअप, एवं उपचार एवं योग के माध्यम से भी इस गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है। डॉ त्रिपाठी ने गोष्ठी में चर्चा और भाग लेने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया।
गोष्ठी में सर्व डॉ रामप्रकाश, डॉ एसके सोनी, डॉ शशिकांत, डॉ रहमान मेट्रन सीता शर्मा, वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी आशा शुक्ला, उषा, अनिता जैन, आरती नेगी, रुचिका, मंजू शर्मा, हिमानी खन्ना माधुरी रावत, आभा बिष्ट, मुन्नी देवी, नेहा, फूलवती, सीमा, मिथलेश पाल, दीपाली, कीर्ति शर्मा, कु गीता, राहुल यादव, अजित रतूड़ी, धीरेंद्र सिंह, दिनेश लखेड़ा, प्रदीप मौर्य, जोगेंद्र यादव, विनोद तिवारी, नवीन बिंजोला, आदर्श मणि, पीसी रतूड़ी, डीपी बहुगुणा, लाल खान, राजेश पंत, प्रकाश जोशी, ओमशिव भेदी, रविन्द्र, सुरेश पाल, सन्नी, करण, मदन, केएम जोसेफ, राजन बडोनी एवं चिकित्सालय में बीएएमएस एवं फार्मेशिस्ट के इंटर्न आदि शामिल हुए।
