जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। पूरे जीवन लोगों की जान बचाने की मुहिम में लगे रहे वरिष्ठ पैथोलोजिस्ट डॉक्टर एसएन खान इतनी जल्दी जीवन से हार मानकर चिरनिन्द्रा में चले जाएंगे, ये किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। हरिद्वार जनपद में उनसे ज़्यादा कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदार, जनसेवा के लिए हमेशा तत्पर रहने वाला व्यक्ति लोगों के दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेंगे। उनके जाने के बाद दिल वीराना सा हो गया।
वरिष्ठ पैथोलोजिस्ट डॉक्टर एसएन खान का नाम हरिद्वार की स्वास्थ्य सेवाओं में स्वर्ण अक्षरो में दर्ज होगा। उन्होंने जनपद में कई स्वास्थ्य केंद्रों के साथ अस्पताल में सेवाएँ दी। उन्होंने सेवा देते हुए वहां पर संसाधनों में विस्तार कराया, साथ हो क्षेत्र के लोगों में जनसेवा कर एसा लगाव पैदा कर देते थे कि उन्हें कभी भूल नहीं सके। हरिद्वार मेला अस्पताल में सेवा देने के दोरान उन्होंने ब्लड बैंक का चार्ज संभाला। उन्होंने लोगों में रक्तदान के प्रति जो जागरुकता पैदा कि उससे कभी भी ब्लडबैंक में ब्लड की कभी कमी नहीं दी। एसा कभी नहीं हुआ की ब्लड की कमी या उपलब्धता न होने से किसी की जान गई हो।ब्लड के चार्ज के रुपये मरीज़ के पास न होने पर उन्होंने अपनी जेब से अनेकों बार सरकारी फ़ीस जमा की।

धारणा चलती थी मुस्लिम समाज के लोग रक्तदान में रुचि नहीं दिखाते हैं, लेकिन वे इस मिथ्या को तोड़ने के लिए कई बार समाज के बीच में रक्तदान शिविर लगाने के लिए पहुंचे और शाम तक मुस्लिम समाज के युवाओं की लाइन समाप्त नहीं हुई। पूरे जनपद के साथ राज्य में ब्लड बैंक चलाने के मसीहा कहे जाते थे।

वे उत्तर प्रदेश के निवासी थे, इसलिए उत्तराखंड में पदोन्नति नहीं दी जाती थी। सन 2017 में राज्य सरकार का आदेश पारित हुआ कि यूपी केड़र के डाक्टर रिलीव होंगे तो वे 2018 में उत्तर प्रदेश में चले गए। उनकी फ़िलहाल नियुक्ति सहारनपुर में थी। कोविड वार्ड में ड्यूटी देते हुए उन्हें संक्रमण हो गया। कई अस्पतालों में इलाज भी कराया, लेकिन वे जीवन से संघर्ष करते हुए हमेशा के लिए चिर निन्द्रा में चले गए। उनके निधन से हरिद्वार के स्वास्थ्य कर्मियों के साथ समाजसेवियों, पत्रकारों में शोक छा गया।

मैंने जबसे उनके जाने की ख़बरें देखी, मैं उनके जाने का समाचार लिखने का साहस नहीं जुटा सका। उन्हें अश्रुपूर्ण श्रधांजलि !!!!!!!!!!!!!