जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। लालढांग में होली के दिन पर्वतीय मूल के निवासियों पर हमला के आरोपियों को बचाने के लिए कांग्रेस की विधायक अनुपमा रावत श्यामपुर थाने में समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गई। इससे पर्वतीय मूल के निवासियों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि उनके बीच में पहुंचने के बजाय न्याय की बात तक नहीं की।
होली के दिन लालढांग बाजार में पर्वतीय मूल के निवासी एक दूसरे को रंग लगा रहे थे। तभी अचानक से मुस्लिम समाज के लोग और पर्वतीय मूल के लोग आमने सामने आ गए। नारेबाजी के दौरान एकत्रित हुए दोनों गुटों में कहा सुनी हुई और मारपीट में मामला बदल गया। मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया और पुलिस मामले की जांच में जुट गई। अब पुलिस ने विशेष वर्ग के कुछ लोग पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिए तो उन्हें बचाने के लिए कांग्रेस की विधायक अनुपमा रावत श्यामपुर थाने में पहुंच गई। पुलिस ने बिना पूछताछ किए छोड़ने की बात से इंकार कर दिया तो पुलिस पर दवाब बनाने के लिए समर्थकों को बुला लिया और धरने पर बैठ गए।
श्यामपुर थानाध्यक्ष अनिल चौहान ने विधायक को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे आरोपियों को छोड़ने की मांग पर अड़ी रही। तो दूसरी तरफ पर्वतीय मूल के निवासियों को कांग्रेस की विधायक के मामले की जानकारी हुई तो उनमें आक्रोश फैल गया। पर्वतीय मूल के निवासियों का कहना था कि 40 प्रतिशत वोट उनके बीच के लोगों ने पहाड़ की बेटी के नाम पर दिया, लेकिन अब अहसान को भूलकर उनपर हमला करने वालों को बचाने के लिए अड़ गई हैं, जबकि विधायक चुने जाने के बाद उन्हें न्याय की बात करनी चाहिए।
भगवतीपुरम प्रकरण के पीड़ितों के बीच तक नहीं पहुंची विधायक
भगवतीपुरम में पर्वतीय मूल के निवासी की बेटी के साथ अजीतपुर के कांग्रेस के नेताओं के पुत्रों ने छेड़छाड़ कर दी थी। इससे आक्रोशित पहाड़ी महासभा पीडित परिवार के साथ खड़ी हो गई, लेकिन विधायक अनुपमा उनके बीच तक नहीं गई। इससे पर्वतीय मूल के निवासियों में आक्रोश पनपता जा रहा है।
