जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। हरिद्वार जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव देरी से कराना उत्तराखंड राज्य सरकार की गले की फांस बनता जा रहा है। यदि पिछले साल या नई सरकार बनते ही मई महीने से पहले चुनाव करवा लेते तो पिछड़े वर्ग के आरक्षण का डंडा न होता। हालांकि अभी भी सुप्रीम कोर्ट के 10 मई के आदेश को लागू नहीं कराकर चुनाव कराना चाहते थे, लेकिन जनता जागरूक है। अब मजबूरी में आयोग का गठन कर पिछड़े वर्ग की गणना शुरू कराने के आदेश जारी करने पड़े है। यहां तक की आयोग का गठन भी करना पड़ा। अब आनन-फाइन में पूरी सरकारी मशीनरी पिछड़ा वर्ग की जातियों की गणना के लिए उतारी जा रही है। केवल एक काम में लगा दिए जाने से इससे विभागों के अन्य काम भी प्रभावित होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई-2022 को अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए सीटे अवधारित किए जाने के आदेश दिए थे। 11 मई को सभी प्रदेशों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति जारी कर दी थी, उत्तराखंड सरकार ने आदेष की प्रति राज्य निर्वाचन आयोग को 23 मई को प्राप्त हो गई थी। इसके लिए एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का गठन करते हुए उसके अध्यक्ष हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीएस वर्मा को बनाया गया है। उन्होंने आदेश होते ही चार्ज ले लिया। इसके सचिव सदस्य ओमकार सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई।
अब पंचायत मतदाता सूची के आधार पर पंचायतवार पिछड़ी जातियों की संख्या की वास्तविक स्थिति एवं राजनैतिक प्रतिनिधित्व की सूचना ज्ञात की जानी है। इसके लिए हरिद्वार जनपद में सात दिन का समय निर्धारित किया गया है। इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। खंड स्तर पर खंड विकास अधिकारी यानि बीडीओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों के बीएलओ, राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, किसान सहायक, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, अन्य राजकीय कार्मिकों को प्रगणक के रूप में नियुक्त किया गया है। प्रत्येक प्रगणक एक राजस्व ग्राम में 200 परिवारों में से पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों की संख्या को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार करेंगे। उनकी संख्या का ब्यौरा तैयार करेंगे। इसके लिए सावधानी भी बरतनी होगी, कहीं एक परिवार दो बार गिना न जा सके। गणना का काम वार्डवार किया जाएगा। गणना का प्रपत्र दिए जाने पर प्रत्येक पर्यवेक्षक 25 प्रतिशत घरों में जाकर मिलान करेगा। इसके बाद बीडीओ स्वयं 5 प्रतिशत घरों में जाकर स्वयं मिलान करेंगे।
एक अगस्त को अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। दो अगस्त को अधिकारियों का प्रशिक्षण और नोडल अधिकारी प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करेंगे। 3 अगस्त को सभी का प्रशिक्षण होगा और गणना संबंधित सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। 5 से 5 अगस्त तक सर्वेक्षण कार्य एवं सूचियों का संकलन किया जाएगा। 6 अगस्त को डीएम को सूची सौंप दी जाएगी। 7 अगस्त को डीएम द्वारा ग्राम पंचायत वार, क्षेत्र पंचायत वार, क्षेत्र पंचायत वार सूचियां निदेशक, पंचायती राज को उपलब्ध कराने का काम करेंगे।
ये आदेश एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के सदस्य सचिव ओमकार सिंह ने जारी किए है।