जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। कुख्यात गैंगस्टर यशपाल तोमर की ब्लैकमेलिंग कर अरबों की संपत्ति बनाने में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की मिलीभगत सामने आने पर कई नेताओं पर संरक्षण देने के भी मामले सामने आ सकते हैं। यशपाल तोमर के एक मामले में हिन्दुवादी संगठन की फायर ब्रिगेड नेता साध्वी प्राची पर तोष जैन के द्वारा आरोप लगाने पर सवाल उठे तो उन्होंने अपने को निर्दोष बताते हुए जलसमाधि लेने की चेतावनी दी थी। लेकिन अब जब यशपाल तोमर पर तोष जैन को फंसाने के मामले में जेल हुई तो सवाल उठने लगा है कि फायर ब्रिगेड नेता साध्वी प्राची का रूख किया होगा, हालांकि एसआईटी की टीम उनकी भूमिका की भी जांच कर सकती है।
हिन्दुवादी संगठन नेता साध्वी प्राची ने 29 अगस्त—2021 को प्रेसक्लब में बाकायदा प्रेसवार्ता करते हुए मुख्यमंत्री से निष्पक्ष तौर पर जांच की मांग उठाई थी। उन्होंने उद्योगपति तोष जैन पर साजिश के तहत उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया था। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि था कि वह मानहानि के मुकदमे के साथ ही कड़ी कार्रवाई उनके खिलाफ करवाएंगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए घोषणा की थी कि सात दिन में पुलिस ने कोई कार्रवाई न की तो वह जलसमाधि लेने को मजबूर होंगी
साध्वी प्राची ने कुख्यात गैंगस्टर यशपाल तोमर को भाई बताया था। अब मामला सुर्खियों में हैं और प्रदेश के आईएएस और आईपीएस की भूमिका सामने पर लोगों की नजर साध्वी प्राची पर है कि उन्होंने यशपाल तोमर का साथ देने पर क्या डील हुई थी, क्योंकि अधिकारियों ने बेसकिमती भूमि अपने रिश्तेदारों के नाम पर लिखवा ली थी। सूत्रों की माने तो साध्वी प्राची अपने को मामले से बचवाने के लिए मंत्रियों एवं नेताओं की परिक्रमा करती हुई नजर आ रही है।
