बसपा के प्रदेश प्रभारी एवं अध्यक्ष जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष चौधरी सुभाष वर्मा को ज्वाइन कराते हुए।

जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मनमानी और आपसी मनमुटाव के चलते हुए हरिद्वार के नेता हाथ का साथ छोड़ रहे हैं। नेता सत्ताधारी पार्टी या बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो रहे है। अब जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रहे सुभाष वर्मा कई बड़े नेताओं के साथ कांग्रेस छोड़कर बसपा में शामिल हो गए। इनके कांग्रेस छोड़ने के बाद जिला पंचायत के रणनीतिकार शेष बचे नहीं है। चौधरी सुभाष वर्मा का कहना है कि सभी के साथ मिलकर ​हरिद्वार में जिला पंचायत का बोर्ड बहुजन समाज पार्टी का बनाना है।
इन नेताओं के बसपा में जाने पर जिला पंचायत के अधिकांश रणनीतिकार एक साथ हो गए है। जिनमें पूर्व अध्यक्ष चौधरी राजेंद्र सिंह, विधायक शहजाद अली, चौधरी रविंद्र सिंह पनियाला है। अब ये सब मिलकर बसपा का बोर्ड बनाने की तैयारी का दावा कर रहे हैं।
जिला पंचायत के चुनाव से पहले नेताओं का पार्टी बदलने का क्रम जारी है। शनिवार को जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष सुभाष वर्मा, पूर्व सदस्य बिजेंद्र सिंह, मजहर हसन, चौधरी रविंद्र सिंह आढ़ती समर्थकों के साथ बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए। उन्हें प्रदेश प्रभारी जीसी दिनकर, प्रदेश प्रभारी नरेश गौतम, प्रदेश अध्यक्ष आदित्य ब्रजवाल ने सदस्यता ग्रहण कराई। प्रदेश अध्यक्ष आदित्य ब्रजवाल ने कहा कि इन नेताओं के आने से पार्टी की नीतियों को प्रचार प्रसार में तेजी आएगी।
चौधरी सुभाष वर्मा ने पार्टी को मजबूत करने का वादा करते हुए बसपा सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के साथ प्रदेश नेतृत्व का आभार जताया। इस मौके पर प्रदेश प्रभारी जीसी दिनकर, प्रदेश प्रभारी नरेश गौतम, प्रदेश अध्यक्ष आदित्य ब्रजवाल, जिलाध्यक्ष अनूप सिंह, चरण सिंह सैनी, पवन सिंह सैनी, जॉन कोऑर्डिनेटर चंद्रपाल, अनिल चौधरी, जिला कॉर्डिनेटर डॉ. एसपी बावरा, विधानसभा प्रभारी ज्वालापुर मदन लाल, धर्म सिंह, अजीत सिंह आदि नेतागण शामिल हुए।
कांग्रेस छोड़ रहे नेता, यूपी जैसा हो जाएगा हाल
हरिद्वार के नेताओं का कांग्रेस से विश्वास गिरता जा रहा है, जबकि हरिद्वार जनपद में पांच विधायक कांग्रेस पार्टी के निर्वाचित हुए हैं, इसके बावजूद भी पार्टी का जनाधार निरंतर कम होता जा रहा है। तीन प्रदेश महासचिव सुभाष चौधरी, सतीश कुमार, संजीव चौधरी ने कांग्रेस को अलविदा कर दिया। इसी के साथ कई नेता अभी भी भाजपा और बसपा में जाने की तैयारी कर रहे हैं। जिस तरह से कांग्रेस के नेताओं का पलायन हो रहा है, उससे लग रहा है कि हरिद्वार जिले में कांग्रेस जनाधारहीन, नेताहीन हो जाएगी। अधिकांश नेताओं का पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर निशाना साधना रहा है, सभी ने हरीश रावत को कांग्रेस का डूबता हुआ जहाज करार दिया है। कईयों ने कह दिया कि यदि पार्टी में हरीश रावत की चलती रही तो एक दिन उत्तराखंड में कांग्रेस का हाल उत्तर प्रदेश जैसा हो जाएगा।